बारिश और बाढ़ के बीच मौसम जनित बीमारियों ने इन दिनों शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक अपना कहर दिखा रही हैं बात करें आज सबसे अधिक यदि कोई संक्रमण हॉस्पिटलों में नजर आ रहा है तो वह आंखों का संक्रमन है जो छोटे बच्चों से बड़ों तक आई फ्लू संक्रमण अधिकतर नजर आ रहा है जिसमें आज शहर के जिला चिकित्सालय में ओ.पी.डी सहित डॉक्टरों के पास सैकड़ों लोगों की भीड़ लगना शुरू हो गई है ऐसा ही एक नजारा जिला चिकित्सालय स्थित ओपीडी में आज 31 जुलाई को देखने को मिला जहां पर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छोटे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक अपने आंखों के संक्रमण के उपचार के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे थे
आपको बता दें कि इन दिनों बरसात का समय चल रहा है और अधिकतर मौसम से उत्पन्न होने वाली बीमारियां बुखार, दस्त ,डायरिया जैसे बीमारियाँ अधिकतर जिले में नजर आ रहा है लेकिन यह बीमारियां तो सामान्य ही दिख रही है किंतु जो आंखों का आई फ्लू है वह जिले में काफी अधिक मात्रा में देखने को मिल रहा है जिससे कोई भी उम्र का युवा या वृद्ध से लेकर बच्चे तक कोई भी अछूता नहीं है आज हर कोई आंखों पर काला चश्मा लगाए हुए ही नजर आ रहा है वहीं डॉक्टरों का मानना है कि यह संक्रमण पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से यहां पहुंचना बताया जा रहा है क्योंकि छत्तीसगढ़ में भी आंखों के संक्रमण को लेकर काफी लोग पीड़ित हैं एवं बात करें बालाघाट जिले की तो यहां भी आई फ्लू काफी बड़ी संख्या में लोगों को हो रहा है जिसको लेकर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय धबड़गांव द्वारा बताया गया कि यह बीमारी से किसी को भी डरने की आवश्यकता नहीं है और इस बीमारी को लेकर थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत सकता है क्योंकि इस बीमारी में आंखों को बार-बार धोना होता है क्योंकि हमारे हाथों के माध्यम से ही यह संक्रमण आंखों तक पहुंचता है एवं जब तक हाथ पूरी तरह से धूल नहीं लिया जाता तब तक हाथों को आंखों तक नहीं लेकर जाना है वहीं उन्होंने यह भी बताया कि यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है वहीं उन्होंने यह भी कहा कि नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही कोई दवा या ड्रॉप का इस्तेमाल आमजन को करना है वहीं उन्होंने यह भी बताया कि यह इंफेक्शन 6 से 7 दिनों तक रहता है उसके बाद इसका असर धीरे-धीरे समाप्त होने लगता है लेकिन उन्होंने बताया कि आज जिला चिकित्सालय में पेशेंटओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है एवं जिला चिकित्सालय में उन सभी का इलाज किया जा रहा है इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है एवं जिन लोगों को इसका संक्रमण है वह काला चश्मा लगाकर आंखों पर रखना है इधर-उधर हाथों को छूना नहीं है एवं हाथों को अधिकतर धूलते ही रहना है वहीं उन्होंने सावधानी बरतने की बात भी बात कही है