झामसिंह हत्याकांड- आंदोलन चेतावनी

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कथित पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए छत्तीसगढ़ निवासी झामसिंह मामले में मध्यप्रदेश शासन द्वारा 3 महीना बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं दी गई। तो वहीं दूसरी और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक बेटे को नौकरी लगाने के नाम पर 15 दिन बेगारी कराकर नौकरी से बाहर निकाल दिया गया। इस बात से आक्रोशित होकर आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी समाज द्वारा कलेक्टर दीपक आर्य को ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

मृतक झामसिंह धुर्वे के पुत्र ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपनी घोषणा के अनुसार बड़े बेटे को छत्तीसगढ़ में नौकरी देने का वादा किया गया था। जिसके अनुसार उन्हें बीड गार्ड की नौकरी के लिए बुलाया गया। 15 दिन तक साहब के लिए खाना बनावाया गया बर्तन मजवाये गए। उसके बाद यह कहकर वापस कर दिया गया कि तुम्हें कोई नौकरी नहीं दी गई है।तक झामसिंह धुर्वे की बेटी बताती है कि छत्तीसगढ़ शासन अब यह कह रहा है कि मध्य प्रदेश पुलिस की गोली से तुम्हारे पिता की मौत हुई है इसलिए नौकरी मध्यप्रदेश शासन ही देगा।आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष भुवन सिंह कोरार्म ने आरोप लगाते हुए बताया कि मध्यप्रदेश शासन की ओर से बहुत अधिक ढिलाई बरती जा रही है। घटना के 3 महीने बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। न्यायिक जांच पूरी नहीं हुई जिससे प्रदेश शासन और प्रशासन पर उंगली उठना लाजमी है। उनके द्वारा सोमवार को कलेक्टर दीपक आर्य को एक ज्ञापन सौंपा गया और उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी दे दी गई है।आपको बता दें कि इस हत्याकांड में जांच पीड़ितों को नौकरी देने की मांग के लिए पूर्व में आदिवासी समाज द्वारा दो बार उग्र आंदोलन किया जा चुका है। बावजूद इसके मध्यप्रदेश शासन द्वारा अब तक कोई भी सकारात्मक जवाब पीड़ितों को नहीं दिया गया है।

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