कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप में मंगलवार देर रात अमेरिका ने ग्रुप-B के मुकाबले में ईरान को 1-0 से हरा दिया। आमतौर पर किसी टीम की हार पर उसके देश में मातम का माहौल होता है लेकिन इस मामले में बिल्कुल उल्टा देखने को मिला। ईरान के कई शहरों में इस हार के बाद जश्न मनाया गया।
सरकार का विरोध सबसे बड़ा कारण
ईरान में इन दिनों सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। बीते 16 सितंबर को माशा अमीनी नाम की महिला की पुलिस कस्टडी में मौत होने के बाद से इस तरह के विरोध शुरू हुए। माशा पर आरोप था कि उन्होंने हिजाब ठीक से नहीं पहना था।
ईरान में महिलाओं को बिना सिर ढके बाहर निकलने की आजादी नहीं है। ऐसा करने पर वहां की मॉरल पुलिस महिलाओं को गिरफ्तार कर सकती है और उससे पूछताछ कर सकती है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि माशा के साथ पुलिस ने टॉर्चर किया, जिससे उसकी मौत हुई।
टीम को सरकार का हिस्सा मान रहे लोग
ईरान की हार पर जश्न मनाने वाले लोगों का मानना है कि उनकी फुटबॉल टीम वहां की सरकार को रिप्रजेंट करती है न कि आम लोगों को। तेहरान सहित ईरान के कई बड़े शहरों में लोगों ने सड़क पर निकलकर अमेरिका के खिलाफ मिली हार का जश्न मनाया।
महिलाएं विरोध में आगे
ईरान में महिलाएं ताजा विरोध प्रदर्शन में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। वे अपने लिए ज्यादा अधिकारों और खुलेपन का मांग कर रही हैं। ईरान की सरकार इस प्रदर्शन को दबाने की हरसभंव कोशिश कर रही है।
पहले मैच में ईरानी खिलाड़ियों ने नेशनल एंथम नहीं गाया था
टूर्नामेंट की शुरुआत में ईरान फुटबॉल टीम के खिलाड़ी भी देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के साथ बताए जा रहे थे। इंग्लैंड के खिलाफ मैच से पहले ईरानी खिलाड़ियों ने नेशनल एंथम नहीं गाया था। हालांकि, वेल्स के खिलाफ मैच में उन्होंने अपना रुख बदल लिया और एंथम गाया। इसके बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन के समर्थकों के बीच टीम की लोकप्रियता घट गई।
वर्ल्ड कप से बाहर हो चुका है ईरान
ईरान की टीम ग्रुप स्टेज में 3 में से 2 मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है। पहले मैच में ईरान को इंग्लैंड ने 6-2 से हराया था। इसके बाद ईरानी टीम ने वेल्स को 2-0 से हराकर वापसी की कोशिश की। हालांकि, अमेरिका के खिलाफ 1-0 की हार के बाद उसका नॉकआउट में पहुंचने का सपना चकनाचूर हो गया।