जुलाई के अंत में अल कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिकी सैनिकों द्वारा मार गिराए जाने के बाद से बाइडन प्रशासन के टॉप अफसरों ने शनिवार को पहली बार तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ आमने-सामने बैठक की। अमेरिका ने तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए सीआईए के उप निदेशक डेविड कोहेन और विदेश विभाग के अफगानिस्तान मामलों के प्रभारी अफसर टॉम वेस्ट को कतर की राजधानी दोहा भेजा। जबकि, तालिबान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उसकी खुफिया इकाई के प्रमुख अब्दुल हक वासीक ने किया।
जवाहिरी के मारे जाने के बाद अमेरिका ने तालिबान पर दोहा समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। दोहा समझौते में तय किया गया था कि तालिबान आतंकवादियों को शरण नहीं देगा। जवाहिरी पर एक अमेरिकी ड्रोन से घातक हेलफायर मिसाइल दागे जाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के नेताओं पर जवाहिरी के ठिकाने के बारे में जानने का आरोप लगाया। तालिबान ने भी
अमेरिकी ऑपरेशन में जवाहिरी के मारे जाने की निंदा की थी। इसके बावजूद अमेरिका ने तालिबान के साथ बातचीत को जारी रखा है, इसमें अमेरिकी नागरिक और फिल्म निर्माता इवोर शियरर की रिहाई पर बातचीत भी शामिल है।
शनिवार को हुई बैठक में सीआईए के उप निदेशक डेविड कोहेन और तालिबान के वासिक की मौजूदगी दोनों पक्षों के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में सहयोग पर जोर देने का संकल्प लिया गया। व्हाइट हाउस ने पिछले महीने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ तालिबान के साथ सहयोग का कार्य प्रगति पर है। फ्रेरिच को कतर की मदद से करीब तीन हफ्ते पहले रिहा किया गया था। उसे 2 साल से अधिक समय तक कैद में रहना पड़ा था। एक और अमेरिकी, इवोर शियरर नामक एक फिल्म निर्माता इस समय तालिबान की कैद में हैं। बहरहाल सीआईए और विदेश विभाग ने इसके बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। कहा जा रहा कि तालिबान अपने तमाम वादों के बावजूद अल कायदा के साथ संबंध बनाए हुए है। फिलहाल वे आईएसआईएस-के के नाम से कुख्यात इस्लामिक स्टेट के हमलों से परेशान हैं। आईएसआईएस-के अब तालिबान के लिए और सांप्रदायिक स्थिरता के लिए अफगानिस्तान में एक आंतरिक खतरा बन गया है।