डायरिया फैलने के बाद हरकत में आए प्रशासनिक अधिकारी

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जिला मुख्यालय से करीब 13 किमी दूर ग्राम पंचायत धन्सुआ के ग्राम ओदा में फैली डायरिया नामक बीमारी फिलहाल नियंत्रण में है।जहां डायरिया की चपेट में आने से बुधवार को एक व्यक्ति की अस्पताल लाते समय मौत होने और अन्य चार मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराने के बाद, लोग इस बीमारी से सहमे हुए है।तो हर कोई इसके लिए दूषित पानी को जिम्मेदार बता रहा है। वही गांव में नालियों की साफ सफाई न होने, लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी नल जल योजना बंद होने, पानी टंकी की सफाई न होने के चलते गांव में नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तो वही पूरे गांव के ग्रामीण एकमात्र हैंडपंप से अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूर है। उधर गांव में डायरिया नामक बीमारी फैलने के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे के लिए गांव पहुंच गई है तो वहीं पीएचई विभाग ने भी आनन फानन में मौके पर पहुंचकर जगह-जगह से पानी के सैंपल कलेक्ट किए हैं। जहां 15 दिनों के भीतर दो बार डायरिया नामक बीमारी फैल चुकी है। बावजूद इसके भी अब तक इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि आखिर यह बीमारी गांव में क्यों फैल रही है जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखी जा रही है

गाँव मे डायरिया क्यो फैला,नही निकला निष्कर्ष
इस पूरे मामले पर यदि गौर किया जाए तो अब तक इस निष्कर्ष पर कोई नहीं पहुंचा है कि गांव में डायरिया कैसे फैल गया। जहां बीमारी फैलने को लेकर लोगों के अलग-अलग मत है तो वही विभाग भी अपनी डफली अपना राग गा रहा है।डायरियां प्रकोप के पूरे प्रकरण में अब तक गांव में डायरियां फैलने का कारण सामने नहीं आ सका है। पंचायत प्रतिनिधि गांव में स्वच्छता के लिए काम करने की बात कह रहे हैं। पीएचई विभाग भी समय समय पर पानी की जांच करने कह रहा है। ऐसे में डायरियां 2 बार गांव में फैला, मरीजों की संख्या क्यो बढ़ रही है यह किसी के समझ में नहीं आ रहा है।

इधर अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ में आया सुधार
बताया जा रहा है कि ग्राम ओदा में इसके पूर्व करीब 15 दिन पूर्व डायरिया नामक बीमारी के लक्षण लोगों में देखने को मिले थे। जिसकी चपेट में आने से 6 से 7 लोग बीमार हो गए थे। हालांकि उस समय चार-पांच दिनों में बीमारी काबू में आ गई थी। लेकिन उसके बाद एक बार फिर गाँव मे डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है जिसकी चपेट में लोग आना शुरू हो गए है। जिसमें से एक की उपचार के लिए जिला अस्पताल लाते वक्त मौत हो गई हैं।तो वहीं अन्य 04 मरीजो को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।बताया जा रहा है कि डायरिया नामक इस बीमारी से ग्राम ओदा निवासी 50 वर्षीय बैगा कुंवरसिंह पिता महारसिंह मरावी की मौत हो गई है। तो वहीं ग्राम ओदा वार्ड नंबर 18 निवासी 35 वर्षीय जितेंद्र पिता चिरूलाल भलावी, उनकी 30 वर्षीय पत्नी हिरकन बाई भलावी, वार्ड नंबर 18 निवासी जानकी बाई पति वैशाख मर्सकोले और वार्ड नंबर 15 निवासी 50 वर्षीय नन्नूलाल पिता दुक्कन लाल सिलेवार को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया था।जिनकी हालात में सुधार आया है

लाखों की नल जल योजना बंद, एक हैंडपंप के भरोसे ग्रामीण बुझा रहे प्यास
बताया जा रहा है कि ग्राम ओदा में लाखों रुपए खर्च कर नल जल योजना से पानी सप्लाई की व्यवस्था बनाई गई है लेकिन इस नल जल योजना के तहत लगाई गई पानी की टंकी की कई महीनो से साफ सफाई नहीं हुई थी। जहां पानी की टँकी में कीड़े लग चुके थे।जहा जिम्मेदारो द्वारा शुद्ध की जगह गंदा व मटमैला पानी सप्लाई किया जा रहा था। इसके सेवन से करीब 15 दिन पूर्व गांव में डायरिया नामक बीमारी फैली थी।जिस पर ग्रामीणों ने अपना आक्रोश जताते हुए उक्त नल जल योजना को बंद कर दिया है तो वही अब पूरे गांव के ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए गांव में एकमात्र हैंडपंप बचा हुआ है।जिससे पूरे गांव के लोग पानी भर रहे हैं।

जहां-तहा गंदगी, सफाई पर भी नहीं है ध्यान
बताया यह भी जा रहा है कि गांव में जगह-जगह गंदगी है। नालियों की साफ सफाई नहीं हुई है। पाउडर का छिड़काव भी नहीं किया गया है। जिसके चलते डायरिया नामक बीमारी उनके गांव में फैली है। उधर पंचायत पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण इस बीमारी के फैलने की वजह दूषित पानी को बता रहे हैं। हालांकि विभाग ने पानी के सैंपल एकत्र कर जांच के लिए लैब भेजे हैं जिसकी रिपोर्ट फिलहाल नहीं आ पाई है। कुल मिलाकर कहा जाए तो यहां भी ग्राम कोसमी जैसी स्थिति ही नजर आ रही है। जहां पंचायत वाले गांव में साफ सफाई पाउडर का छिड़काव नही किए जाने की बात कर रहे हैं तो वही तो वहीं स्वास्थ्य विभाग और पीएचई अमला अब तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है कि गांव में डायरिया की बीमारी कैसे फैली है जिसको लेकर ग्रामीण काफी परेशान है।

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