जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगरगांव से लिंगमारा मार्ग की स्थिति जर्जर हो चुकी है। जिसमें जगह-जगह छोटे बड़े गड्ढे हो गए हैं जिसके कारण वाहनों को आवागमन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि यह मार्ग सीधे महाराष्ट्र को जोड़ता है जिस पर यातायात का दबाव बना रहता है वहीं ग्रामीण भी अपनी जरूरत के लिए प्रत्येक दिन इसी मार्ग से वारासिवनी आवागमन करते हैं जिन्हें दुर्घटनाओं का भी शिकार होना पड़ रहा है। इसको लेकर राहगीर सहित ग्रामीणों के द्वारा मार्ग का पुनः डामरीकरण कर बेहतर मार्ग बनाए जाने की मांग की जा रही है जिससे कि सभी सुरक्षित रूप से अपना आवागमन कर सके।
मार्ग पर यातायात का बना रहता है दबाव
यहां यह बताना लाजिमी है कि ग्राम डोंगरगांव से लिंगमारा की और एक मार्ग निकलता है जो सीधा दीनी पुनि आखिरी नदी तक जाता है जहां पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण हो जाने से सीधा महाराष्ट्र से यह मार्ग जोड़ता है। ऐसे में अधिकांश ग्रामीण जिन्हें महाराष्ट्र गोंदिया जाना होता है तो वह वारासिवनी की जगह उक्त मार्ग का चयन करते हैं वहीं खैरलांजी के लोग भी इसी मार्ग से आवागमन करते हैं ऐसे में उक्त मार्ग पर काफी यातायात का दबाव बना रहता है। ऐसी स्थिति में दुर्घटनाओं के कारण लोगों को चोटिल होना पड़ रहा है इसके साथ ही उक्त मार्ग पर स्थित करीब एक दर्जन ग्राम के ग्रामीण वारासिवनी अपने कार्यों के लिए छात्र-छात्राए शिक्षा अध्ययन के लिए रोजाना आवागमन करते हैं जिन्हें भी कभी-कभी दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। जिनके द्वारा मार्ग निर्माण की मांग की जा रही है ताकि सुरक्षित रूप से वह आना-जाना कर सके।
मार्ग के गढ्डों में डाली गई गिट्टी
गैरतलब है कि मार्ग में डामर के उखड़ने से छोटे-बड़े गड्ढे निर्मित हो गए हैं जिसके कारण आवागमन में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसमें विशेष कर बुजुर्ग व्यक्ति जो साइकिल से आवागमन करते हैं उन्हें गढ्ढो के कारण पैदल चलना होता है ऐसे में उक्त गढ्ढो को भरने के लिए गिट्टी डलवा दी गई है। जो वाहनों की आवाजाही के कारण रोड पर फैल गई है जिसमें एक तो नुकीली गिट्टी है जिससे वाहन पंचर होंगे वहीं गिट्टी पीसकर चूरे के रूप में मार्ग पर फैल गई है जिसके कारण वाहन भी स्लिप हो रहा है। जबकि विभाग को मरम्मत कार्य करवा कर गड्ढों को डामर की चिल्ली से पैक कर देना था।
दो दिवसीय मेले का होना है आयोजन
ज्ञात हो की लिंगमारा में प्रतिवर्ष श्री राम बालाजी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता रहा है जो प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी 23 से 24 दिसंबर को आयोजित होना है। ऐसे में दिन-रात का मेला यह रहता है जिसमें क्षेत्र ही नहीं महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के समीपस्थ जिलों से भी लोग इस मेले में आते हैं और सभी इसी मार्ग से आना-जाना करते हैं। ऐसे में यदि जल्द इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
ग्रामीण प्रवीण पंचभाये ने पदमेश से चर्चा में बताया कि वह डोंगरगांव रहते हैं इस मार्ग पर चलने की बहुत ज्यादा दिक्कत है और यह समस्या बनी हुई है हर किसी को यह दिख रही है पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लिंगमारा मार्ग है जो सीधा दीनी तक जाता है जिसमें दुर्घटना होने की संभावना अधिक बनी हुई है क्योंकि छोटे बड़े गड्ढे हैं वाहन चलने पर गाड़ी उछालती है जिसके कारण अनियंत्रित होने का डर बना रहता है तो वही स्लिप भी हो जाती है। हम चाहते हैं कि इस मार्ग का निर्माण होना चाहिए ताकि सुरक्षित सभी आना-जाना कर सके।
राहगीर मनोज साहू ने बताया कि यह डोंगरगांव से लिंगमारा मार्ग है जिसमें विभाग में देखा कि मेला है तो विभाग ने गढ्ढो में नुकीली गिट्टी डाल दी है जिससे मोटरसाइकिल चालकों के टायर पंचर होगे और यहां दूर-दूर तक कोई पंचर की दुकान नहीं है। वहीं रोड पर गिट्टी बिखरी हुई है जो महीन कण भी हो गए हैं जिससे मोटरसाइकिल स्लिप भी हो रही है और यदि ऐसा ही रहा तो लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ेगी मेले में हजारों लोग आते हैं। रोड के गड्ढे को गिट्टी से भरना गलत है एक तो पहले डामर लगाकर मरम्मत कर देना था या मेले के बाद इसका काम करना था अभी लोगों को केवल समस्या होगी।
राहगीर चैनलाल कनोजे ने बताया कि पूरे मार्ग में जगह-जगह गढ्ढे हो गए हैं जिसका मरम्मत की जगह नया रोड बनना चाहिए क्योंकि इस मार्ग पर चलना मुश्किल है दुर्घटना होते रहते हैं आगे मेला स्थल है जहां बड़ी संख्या में लोग श्रद्धा के साथ आते हैं तो उन्हें इस मार्ग पर यातायात भी बढ़ चुका है। ऐसे में इस मार्ग को बनाना चाहिए जैसे हम बुजुर्ग साइकिल चलते हैं तो मार्ग पर बहुत ज्यादा समस्या होती है डर बना रहता है की कहा दुर्घटना ना हो जाये। अभी पूरे मार्ग में गिरती है जिससे कुछ स्थानों पर पैदल चलना पड़ रहा है यदि मेल को देखकर यह कार्य किया गया है तो बहुत पहले ऐसा कार्य किया जाना था ताकि आज लोगों को इस परेशानी से सामना न करना पड़ता।
ग्रामीण जितेंद्र भोयर ने बताया कि यह मार्ग बहुत ज्यादा जर्जर हो गया है डामरीकरण यदि हो जाता है इसका तो लोगों को सुविधा होती है और अभी मेले में बहुत अच्छा होता किंतु इस जर्जर स्थिति में ही लोग अपना आना-जाना कर रहे हैं। क्योंकि जरुरत की बात है दूसरा कोई मार्ग है यह जर्जर मार्ग है जो सीधे महाराष्ट्र तक जाता है इसलिए हर कोई इसी मार्ग से आना-जाना करता है रोड सामान नहीं है कहीं गड्ढा है तो कहीं ऊंचा है। यह मार्ग डोंगरगांव से लिंगमारा होते हुए दिनी पुनि और नदी पार कर बटरमारा पुल से गोंदिया के लिए निकलता है जिस पर यातायात अब बढ़ चुका है। गढ्ढो में जो गिट्टी डाली गई है इससे मोटरसाइकिल स्लिप हो रही है और लगातार हादसे होते रहते हैं।
इनका कहना है।
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि डोंगरगांव से लिंगमारा मार्ग स्वीकृत हो चुका है जिसका निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ हो जाएगा। परंतु वर्तमान में श्री राम बालाजी मेला में राहगीर को आवागमन में समस्या ना हो जिसे लेकर निर्देश दिए गए थे तो गिट्टी डाली गई है। इस मार्ग का तत्काल मौका निरीक्षण कर उचित व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा।