जबलपुर। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश में वर्चुअल रूप से टॉय फेयर की शुरूआत की है। इस टॉय फेयर में स्कूल के बच्चे व उनकी शिक्षिकाएं भी हिस्सा ले रही हैं। इस टॉय फेयर का मतलब बच्चों के खेलने के सामान से नहीं हैं, इसमें ऐसे खिलौने तैयार करने हैं, जो बच्चों को विज्ञान के किसी नियम को सिखाते हों और बच्चा उस खिलौने के जरिए खेल-खेल में पढ़ाई भी कर सके। शहर के विभिन्न स्कूल के बच्चे व शिक्षिकाएं टॉय फेयर में अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। कोई लूडो में विज्ञान को समझा रहा है, तो कोई डीएनए की प्रक्रिया को खेल-खेल में समझा रहा है। इस तरह से हर कोई अपनी रुचि के हिसाब से इसका हिस्सा बन रहा।
शहर की नेहा ने बनाया डांसिंग डीएनए: शहर के निजी स्कूल की शिक्षिका ने शरीर में डीएनए की प्रक्रिया को समझाने के लिए डांसिंग डीएनए तैयार किया है। टॉय फेयर में एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि जो भी खिलौना तैयार कर रहे हैं उसे रिसाइकिल किया जा सके, प्लास्टिक का इस्तेमाल न हो। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर नेहा सिंह ने आइसक्रीम की स्टिक से डांसिंग डीएनए तैयार किया। नेहा ने बताया कि जब इसमें लाइट जलती और ये घूमता है, तो यह बताता है कि शरीर में डीएनए भी इसी तरह से घूमते हैं। ये देखने में काफी आकर्षित लगता है। शिक्षकों को खिलौने पर आधारित प्रोजेक्ट बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखना है कि उनके प्रोजेक्ट से टीचिंग और लर्निंग की जा सके। बच्चा इस खिलौने को खएल भी सके और उससे विज्ञान को समझ भी सके। 2 मार्च तक चलने वाले इस फेयर के लिए सभी काम कर रहे हैं।