बीते दिनों शहर के गोंदिया रोड स्थित मिडटाउन होटल के पास दिनदहाड़े मिलिंद ठाकरे पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला कर मिलिंद को घायल कर दिया था, पुलिस ने मिलिंद की शिकायत पर मामला कायम करते हुए कार्रवाई की और इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेसवार्ता के माध्यम से मीडिया को बताया कि मिलिंद पर शहर के मां कमलादेवी राइस मिलर्स के संचालक विशाल गंगवानी द्वारा मिलिंद की शिकायतों और बार-बार समाचार लगाने की धमकी देकर पैसे मांगने से वह परेशान हो चुका था और उन्होंने 30,000 रूपये की सुपारी देकर शहर के कुछ युवकों से मिलिंद को डराने के मकसद से चाकू से हमला करवाया था , जिसमें पुलिस द्वारा चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अभी एक आरोपी फरार है , वहीं पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह द्वारा मिलिंद को तथाकथित पत्रकार भी बताया गया है ।
पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह द्वारा 7 अप्रैल को हुई घटना को लेकर 13 अप्रैल को दोपहर 3:30 बजे कंट्रोल रूम में प्रेस वार्ता ली गई , जहां पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मिलिंद ठाकरे को अज्ञात मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात नकाबपोश द्वारा चाकू से जांघ पर हमला कर घायल किया गया था। मिलिंद की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली मे अपराध क्रमांक 116/25 धारा 351(3),115(2),118(1), 296,3 (5) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। दिनदहाडे चाकू बाजी की घटना को गंभीरता से लेकर आरोपियों की पहचान बताने वाले को नगद 5000 रूपये की तत्काल घोषणा कर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट विजय डावर एवं नगर पुलिस अधीक्षक बालाघाट वैशाली सिंह कराहलिया के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी कोतवाली निरी. प्रकाश वास्कले के नेत्रत्व मे विवेचना टीम का गठन कर अतिशीघ्र अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में गठित टीम द्वारा मिलिंद से विस्तृत जानकारी लेकर उनके घर से निकलने के समय, दिनभर आने जाने के रास्ते के समस्त करीबन 300 से ज्यादा सीसीटीव्ही फुटेज खंगाले गये जिसमे स्प्लेंडर मोटरसाइकिल मे दो अज्ञात नकाबपोश द्वारा मिलिंद की रैकी करते दिखे जिनकी पहचान, सीसीटीव्ही एवं अन्य साइबर तकनीक के विश्लेषण से विकास एवं सूरज के रूप में हुई । गिरफ्तार आरोपियों द्वारा किए खुलासे में पाया गया कि मां कमलादेवी राइस मिलर विशाल गंगवानी द्वारा पीडित मिलिंद ठाकरे द्वारा की जा रही शिकायतों और बार-बार समाचार लगाने की धमकी देकर पैसे मांगने से वह परेशान होकर मिलिंद ठाकरें को चाकू से चमकाने व डराने हेतु आरोपी नितेश यादव एवं सनी यादव को 30000 रूपये मे सुपारी दी। नितेश यादव एवं सनी यादव द्वारा सूरज परते एवं विक्की उर्फ विकास कावरे को घटना को अंजाम देने हेतु शामिल किया ,घटना मे प्रयुक्त मोटरसाइकिल एवं चाकू उपलब्ध कराया
ऐसें हुआ अपराध का खुलासा
प्रकरण का खुलासा होते ही गठित थाना कोतवाली पुलिस टीम द्वारा घटना के मास्टरमाइंड विशाल गंगवानी उम्र 35 वर्ष को हिरासत में लिया गया। घटना कारित करने के कारण के संबंध में पुलिस पूछताछ पर आरोपी विशाल गंगवानी ने बताया कि वह 02 वर्षों से मां कमलादेवी राइस मिल को चला रहा है जनवरी 2025 मे मिलिंद ठाकरे द्वारा कलेक्ट्रेट मे धान की हेराफेरी की शिकायत आरोपी के विरूद्ध की थी जो जांच अभी भी कलेक्ट्रेट मे चल रही है, मिलिंद द्वारा आए दिन RTI लगाकर निराकरण होने नही दे रहा था, इसके कारण व्यापार प्रभावित हो रहा था और कर्जा हो गया था। इसके अतिरिक्त मिलिंद के उपर एक प्रकरण में गवाह होने से दबाव बनाने के लिए कलेक्ट्रेट, नागरिक आपूर्ति निगम, विपणन कार्यालय व अन्य जगहों मे शिकायत कर मानसिक रूप से परेशान कर रहा था। आरोपी विशाल गंगवानी ने बताया कि वह मिलिंद ठाकरे की शिकायतों से परेशान होकर उसे डरा धमका कर सबक सिखाना चाहता था, इसके लिए आरोपी नितेश यादव को 30000 रूपये दिए जिसने अन्य आरोपी सनी यादव, सूरज परते और विक्की कावरे के साथ घटना की गईं ।
इस प्रकार से हुई थी घटना
घटना के मास्टरमाइंड आरोपी विशाल गंगवानी द्वारा आरोपी नितेश यादव को मिलिंद की फोटो , उसकी स्कूटी का नंबर, घर आने जाने के रास्ते के बारे मे बताया था। घटना 07 अप्रैल को आरोपी सनी यादव जो कि (नितेश यादव का भतीजा) मिलिंद ठाकरे के घर के आस पास रैकी कर उसके घर से निकलने का इंतजार करने लगा, मिलिंद घर से निकलकर जिला विपणन कार्यालय गये जहां सनी पीछा करते हुए कार्यालय गया अन्य आरोपी सूरज और विक्की स्प्लेन्डर बाइक मे नकाब लगाकर चाकू के साथ रास्ते मे खड़े थे। जैसे ही मिलिंद ठाकरे अपनी स्कूटी से कार्यालय से बाहर निकला, सनी यादव ने फोन कर रास्ते मे इंतजार कर रहे विक्की और सूरज को सूचना दी। जिन्होने प्रार्थी का पीछा कर मिडटाउन होटल के पास गाली गलौच कर बाइक मे पीछे बैठे सूरज ने चाकू से पीछे जांघ मे हमला कर घायल कर दिया।
दुर्लभ कश्यप और मन्यासुर्वे को मानते हैं आदर्श
पुलिस पूछताछ में आरोपित नितेश यादव और सनी यादव की एक अलग ही बात पुलिस के समक्ष आयी यह शनि यादव दुर्लभ कश्यप को आदर्श मानतें हैं तो वही नितेश यादव को बालाघाट का मन्यासुर्वे कहा जाता है।
घटना का राजनीति से नहीं था कोई लेनदेन
पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान यह भी बताया कि इस पूरी घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था और जिस प्रकार मिलिंद द्वारा घटना होने के बाद जिन भी लोगों के नाम लिए गए थे उन्हें भी पुलिस ने जांच में लिया था किंतु नाम लेने वाले जनप्रतिनिधि सहित किसी भी व्यक्ति का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं था।
50 लाख का हो चुका था मिलर्स को नुकसान
पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि पूछताछ में आरोपित गंगवानी ने बताया कि उन्हें मिलिंद से 50 लाख रुपए तक का नुकसान हो गया था और वह बहुत अधिक कर्ज में डूबते ही जा रहे थे इस कारण उन्होंने यह घटना की जबकि पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि आरोपित पुलिस के पास आता तो संभवत: पुलिस इस मामले में संज्ञान लेती ।
इन्हें किया पुलिस ने गिरफ्तार
मिलिंद को चाकू मारने के आरोप में पुलिस द्वारा अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है तो वहीं एक आरोपी अभी फरार है जिसमें विशाल गंगवानी पिता हरीश गंगवानी उम्र 35 साल निवासी ओरम सिटी थाना नवेगांव , नितेश यादव पिता स्व सुरेश यादव उम 32 साल निवासी वार्ड नंबर 19 बालाघाट , सनी यादव पिता राजेश यादव 20 निवासी वार्ड नंबर 19 सिंधी मोहल्ला बालाघाट , सूरज पिता लक्ष्मण परते उम्र 24 वर्ष निवासी वार्ड नं 23 बैनगंगा नदी के पास बालाघाट वही विकास पिता जीवन लाल कावरे उम्र 25 साल निवासी वार्ड नंबर 13 गंगानगर आरोपित अभी फरार है ।
मिलिंद हैं तथाकथित पत्रकार – नगेंद्र सिंह
पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह द्वारा प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया को यह भी जानकारी दी गई की मिलिंद तथाकथित पत्रकार है । वह उसे तथाकथित इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उनके पूर्व का रिकॉर्ड चेक किया गया तो वह पत्रकारों की श्रेणी में नही आते है। उन्होंने उन्हें पत्रकारों की श्रेणी से अलग ही कर दिया है । मिलिंद पर इसके पहले 10 अपराध दर्ज किये जा चुके हैं। जिसमें अधिकतर मामले पैसे मांगने को लेकर हैं । खबर नहीं छापने को लेकर पैसे की मांग की गई है। जिसमें यह किसी से 10 लाख, किसी से 12 लाख ,किसी से 2 लाख रूपये मांगते रहते हैं। जिनकी गंभीर शिकायत पुलिस के पास है और वह स्वयं भी चाहेंगे कि न्यायालय में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों पर जल्द से जल्द न्याय तक पहुंचना चाहियें । क्योंकि ऐसे लोग एक संवेदनशील पेशे पत्रकारिता को बदनाम कर रहे है । मिलिंद किसी प्रमुख प्रकाशन से नहीं जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि यह एक वर्चुअल न्यूज़ पोर्टल से जुड़े हुए हैं, जिनका प्रकाशन व्हाट्सएप पर ही अखबार आता है और यह अधिकतर उसे व्हाट्सएप कटिंग के माध्यम से किसी अधिकारी , जनप्रतिनिधि सहित प्रबुद्धजन को टारगेट कर उसकी खबर छापते हैं और पैसों की मांग करते हैं । जिस राइस मिलर्स द्वारा इस प्रकार की घटना कारित की गई है वह मिलिंद से बहुत अधिक परेशान था और उनकी राइस मिल बंद होने की कगार पर आ गई थी, इसलिए उन्होंने परेशान होकर यह घटना कारित की हैं ।