धार्मिक मान्यताओं के साथ नाग पंचमी पर्व का हुआ आयोजन

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नाग पंचमी का पर्व २९ जुलाई को नगर सहित क्षेत्र में धार्मिक आस्था के अनुरूप मनाया गया। यह पर्व हिंदू द्यर्माबलंबियो का एक प्रसिध्द पर्व है। नाग हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है नागों को धारण करने वाले भगवान शिव की पूजा करने इस दिन विशेष महत्त्व रखता है। इसी कड़ी में नगर के मंदिर में प्रात:काल से ही शिवालयों में भगवान शिव की पूजा करने भक्तों का हुजूम लगा रहा। विभिन्न मंदिरो भक्तो के द्वारा भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना नाग पंचमी पर्व पर की गई।

झालीवाड़ा में सर्पीबारी संगठन ने मनाई नाग पंचमी

नगर मुख्यालय से ५ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत झालीवाड़ा में सर्पिबारी संगठन के द्वारा हर्षोल्लास के साथ नाग पंचमी पर्व मनाया गया। जहां मान्यता अनुसार नागदेवता की विशेष पूजा अर्चना की गई। जिसमें ग्राम में स्थित हेमराज चौधरी के घर पर सर्पिबारी विद्या प्राप्त कर चुके व्यक्तियों को मिलने वाले पाठ की विधि विधान से पूजा अर्चना कर सर्पिबारी का गायन किया गया। तत्पश्चात पाठ को लेकर सर्पिबारी का गायन करते हुए सभी लोग ग्राम के हनुमान मंदिर पहुंचे। जहां पर भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना कर उन्हें चोला चढ़ाया गया। इस दौरान सर्पिबारी का गायन किया गया जहां पर कुछ लोग सर्प की तरह करते हुए हनुमान जी की प्रतिमा के पास पहुंचे। इसके बाद सभी सर्पिबारी का गायन करते हुए जंगल स्थित नाग देवता के स्थान गए। जहां पर नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना उनके गुरु की उपस्थिति में की गई।

सर्पिबारी के साथ नाग देवता की हुई पूजा-छन्नूलाल राउत

छन्नूलाल राउत ने बताया कि नाग पंचमी पर्व पर घर में पूजा अर्चना करने के बाद मंदिरों में पूजा.अर्चना की जाती है। जिसके बाद सभी जंगल में नाग देवस्थान में पूजा करने जाते हैं जो हमारी पुश्तैनी से चला आ रहा है। यह कार्य हम और हमारे बच्चे भी करते हैं पूजा के दौरान सर्पिबारी गीत का गायन करते हैं। नाग पंचमी के दिन गांव में सभी कार्य बंद रहते हैं वह जमीन में गड्ढा तक नही खोदा जाता है। ग्राम में सर्पिबारी का गायन कर गांव के नागदेवता कि सदा अपनी कृपा बनाए रखने के लिए कामना की जाती है। नाग देवता हमारे आराध्य है उनकी पंचमी प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है।

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