धार्मिक मान्यताओ के साथ मनाया गया नागपंचमी पर्व

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नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में २ अगस्त को धार्मिक मान्यता अनुरूप नाग पंचमी पंचमी पर्व मनाया गया। जिसमें क्षेत्र में नाग पंचमी पर्व पर सभी नाग मंदिरों में नाग देवताओं का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया एवं शिव भक्तों ने नाग मंदिर के अलावा शिव मंदिरों में नाग देवताओं को दूध से अभिषेक कर रक्षा करने की कामना की गई। इसी कड़ी में मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत झलीवाड़ा में सर्पी बारी संगठन के द्वारा नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना की गई की गई। जिसमें ग्राम में स्थित हेमराज चौधरी के घर पर सर्पिबारी विद्या प्राप्त कर चुके व्यक्तियों को मिलने वाले पाठ की पूजा की गई। जहां से पाठ को लेकर सर्पीबारी का गायन करते हुए हनुमान मंदिर पहुंचे। जहां श्री हनुमान जी की पूजा अर्चना कर उन्हें चोला चढ़ाया गया तत्पश्चात सर्पीबारी का गायन करते हुए जंगल स्थित नाग देवता के स्थान गए जहां पर नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना कर उनके गुरु की उपस्थिति में की गई।
सर्पी गीत का किया जाता है गायन – बस्तीराम कोल्हे
पद्मेश से चर्चा में बस्तीराम कोल्हे ने बताया कि नाग पंचमी पर्व पर घर में पूजा अर्चना करने के बाद मंदिरों में पूजा.अर्चना की जाती है। जिसके बाद सभी जंगल में नाग देवस्थान में पूजा करने जाते हैं जो हमारी पुश्तैनी से चला आ रहा है और यह कार्य हम और हमारे बच्चे भी करते हैं पूरी पूजा के दौरान सर्पीबारी गीत का गायन करते हैं। श्री कोल्हे ने बताया कि नाग पंचमी के दिन गांव में सभी कार्य बंद रहते हैं वह जमीन में गड्ढा तक नही खोदा जाता है। ग्राम में सर्पीबारी का गायन कर गांव के नागदेवता की सदा अपनी कृपा बनाये रखने के लिए कामना की जाती है। यह विद्या अपने बच्चों को भी सिखायेंगे कि वह सीख कर लोगों की सेवा कर सके और हमारा उद्देश्य है कि सांप के काटने से मौत ना हो और यह कार्य पूरा निशुल्क किया जाता है।
सर्पदंश का उपचार झाडफ़ूक नहीं एंटी स्नेक सीरम है – डॉ रविंद्र ताथोड़
बारिश और खेतीबाड़ी के कार्य के दौरान सर्पदंश की घटनाएं ज्यादातर बढ़ रही है इस मामले में डॉ रविन्द्र ताथोड ने नागरिकों से अपील की है कि वह बारिश के दौरान एहतियात बरतें और साथ ही बाड़ी व खेती कार्य में विशेष ध्यान रखें। डॉ.श्री ताथोड ने बताया कि कि आए दिन लोगों सर्पदंश का शिकार हो रहे हैं ज्यादातर मौतें लापरवाही की वजह से होती है और कुछ दहशत की की वजह से हो जाती है। उसमें लोग मरीज को अस्पताल लाने में देरी कर देते हैं जैसे ही कोई घटना होती है वह मरीज को बिना किसी प्रकार के प्राथमिक उपचार की सेवा १०८ वाहन का इस्तेमाल करें। किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जड़ी.बूटी से जहर उतारने का दावा करते हैं और उसके उदाहरण पेश करते हैं। इसका कारण आम नागरिक नहीं समझ पाते हैं क्योंकि सांप काटना और डसने में आम लोगों को इस अंतर को समझना होगा।

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