नगर पालिका के द्वारा भीषण गर्मी में राहगीरों के सूखे कंठ को गीला करने के लिए सार्वजनिक प्याऊ व्यवस्था की गई है। जिसमें नगर के विश्रामगृह के सामने स्थित सार्वजनिक प्याऊ में आवारा श्वान बैठे होने का मामला प्रकाश में आया है। यह नजारा स्पष्ट रूप से राहगीर देख रहे हैं जो इस परिस्थिति में वहां उक्त प्याऊ से अपने कंठ को गिला करने के लिए शीतल पेयजल भी प्राप्त कर रहे हैं। परंतु प्याऊ कर्मचारियों के द्वारा आवारा श्वान को खदेड़ने के लिए किसी भी प्रकार से सख्त प्रयास नहीं किया जा रहा है जिसके कारण कुछ लोग तो बिना पानी पिये ही आगे निकल रहे हैं। क्योंकि वर्तमान में गर्मी का मौसम बड़ा हुआ है और सार्वजनिक प्याऊ में आवारा श्वान बैठने से रेबीज की समस्या अभी लोगों को हो सकती है। यदि कभी वह आवारा श्वान पानी की तलाश में गिलास या मघे को चाटता है जिसके बाद उसी में यदि कोई व्यक्ति पानी पी लेता है जिससे पानी के माध्यम से उक्त व्यक्ति के अंदर आवारा श्वान की लार प्रवेश करती है वह मटके का पानी बहुत संख्या में लोग ग्रहण करते हैं तो उनके अंदर भी रेबीज का वायरस जायेगा। यह रेबीज अभी आवारा श्वान में आसानी से गर्मी के कारण पाया जाता है जिससे लोग ग्रसित हो सकते हैं जो एक बड़ी समस्या बन सकती है। परंतु उक्त व्यवस्था पर कर्मचारी तो दूर नगरपालिका की जिम्मेदार व्यक्ति भी निरीक्षण कर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे एक बड़ी समस्या उत्पन्न होने का खतरा बना हुआ है। जबकि रेबीज एक भयानक बीमारी है जिसका उपचार नहीं है जो आवारा श्वान के काटने चाटने या अन्य कारणों से मनुष्य में प्रसारित होता है इसके बाद मनुष्य भी आवारा श्वान की तरह हरकतें कर मृत्यु को प्राप्त कर लेता है। जिस पर जागरूक नागरिकों के द्वारा उक्त घटना पर आपत्ति लेते हुए नगर पालिका से मामले में संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करने की मांग की जा रही है।
नौतपा में अति महत्वपूर्ण है प्याऊ
वर्तमान में नौतपा का दौर चल रहा है ऐसे में 44 डिग्री सेल्सियस पर तापमान जा चुका है इस परिस्थिति में नगर में घूम रहे नगरवासी एवं राहगीरों के कंठ सूखने लगे हैं। जो नगर के विभिन्न स्थानों पर स्थित सार्वजनिक प्याऊ एवं होटल या प्रतिष्ठान में जाकर शीतल पेयजल प्राप्त कर अपने सूखे कंठ को गिला करने के साथ ही तेज तपन की गर्मी में ठंडक का अनुभव कर रहे हैं। जिसके साथ वर्तमान में प्याऊ में पानी की जरूरत पड़ गई है जहां पूरे दिन दो बार मटको में पानी भरा जाता था अब उन्हें तीन से चार बार मटको में पानी भरना पड़ रहा है। ऐसे में ठंडा पानी अमृत के रूप में लोगों के लिए बना हुआ है जिसे बिना किसी संदेह के लोग ग्रहण कर रहे हैं।
प्रशासन को ऐसी व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिये – अंशुल डोंगरे
अंशुल डोंगरे ने बताया कि नगर पालिका के द्वारा नगर में विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक प्याऊ खोलकर लोगों को ठंडा पानी वितरण किया जा रहा है जो बेहतर व्यवस्था है परंतु देखने में आ रहा है कि तहसील कार्यालय के प्याऊ में कर्मचारी रहता है परंतु कटंगी रोड पर जो प्याऊ है वहां कर्मचारी समझ नहीं आता है। जहाँ आवारा श्वान भी मौके पर मटके के पास ठंडा स्थान होने से बैठे रहते हैं परंतु उन्हें भगाने का काम नहीं कर रहे हैं ऐसे में रेबीज का खतरा बना हुआ है। क्योंकि वह तो एक प्रकार से जानवर है जिसे अच्छा बुरा नही जानता जो मटके के पानी में या गिलास लोटे में मुह डालकर चाटता है तो इसे एक गंभीर बीमारी होने की संभावना बनी हुई है इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
इनका कहना है।
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि उक्त संबंध में निरीक्षण को लेकर प्रभारी से चर्चा की जाएगी वही प्याऊ में कार्य कर रहे कर्मचारी पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। यह हमने लोगों की सुविधा के लिए लगाए हैं वही समय-समय पर हमारे द्वारा भी प्याऊ का निरीक्षण किया जाएगा।