नगर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बाबा रामदेव का जन्मोत्सव

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प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रद्धालु भक्तों द्वारा बाबा रामदेव का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जहां रविवार को नगर की सरेखा रेलवे क्रॉसिंग स्थित बाबा रामदेव मंदिर में भक्तों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की आयोजन किए गए तो वही बाबा के जन्मोत्सव पर नगर में श्रद्धालु भक्तों द्वारा एक रैली निकाली गई। मंदिर परिसर से निकली गई यह रैली नगर के विभिन्न मार्गों का भृमण करते हुए पुनः मंदिर परिसर पहुंची जहां इस रैली का समापन किया गया। जहां इस रैली में शामिल श्रद्धालु भक्तों ने बाबा का संदेश आम जनों तक पहुंचाया। यह रैली सरेखा रेलवे क्रॉसिंग स्थित बाबा रामदेव मंदिर से हनुमान चौक वहां से मेंन मार्केट होते हुए विभिन्न चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए राम मंदिर से वापस बाबा रामदेव मंदिर पहुंची जहां श्रद्धालु भक्तों द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना कर महाआरती सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए। वहीं रात्रि में प्रत्येक रविवार की तरह इस रविवार को भी विशाल भंडारे का आयोजन कर कार्यक्रम का समापन किया गया आपको बताएं कि रामदेव बाबा 1409 में रूणीचा के शासक अजमलजी के घर अवतरित हुए थे। बाबा का संबंध भले ही राजाओं के परिवार से रहा हो, लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई और गरीबों की सहायता में ही लगा दिया। बताया जा रहा है कि बाबा रामदेव ने ही सबसे पहले छुआछूत का विरोध किया था। जहां मानव सेवा को देखते हुए उनके कई अनुयाई बने और देश के विभिन्न राज्यों में उनको मानने वालों की तादाद काफी संख्या में बढ़ गई। जिसके तहत श्रद्धालु भक्तों द्वारा राजस्थान सहित अन्य राज्यों में बाबा रामदेव के मंदिर का निर्माण कराया गया और बाबा रामदेव की पूजा अर्चना कर प्रत्येक रविवार को भंडारा वितरण की रूपरेखा बनाई गई। जहां श्रद्धालु भक्तों द्वारा प्रतिवर्ष उनका जन्मोत्सव इसी तरह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन कर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसका एक नजारा रविवार को नगर में भी देखने को मिला।

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