नदी में पानी छोडऩे मोवाड़ के ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। खैरलांजी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मोवाड़ स्थित वारासिवनी तुमसर हाईवे मार्ग पर उक्त क्षेत्र के किसानों के द्वारा धरना प्रदर्शन ,चक्कजाम आंदोलन के माध्यम से अपना आक्रोश व्यक्त किया गया। जिनके द्वारा मौके पर विभाग के अधिकारियों को लाने और नदी में सितेकसा बांध का पानी छोडऩे की मांग की जाती रही। यह आंदोलन करीब ४ घंटे से अधिक समय चला जहां मौके पर पुलिस प्रशासन की समझाइस और अधिकारियों के आश्वासन के बाद यह जगह आंदोलन समाप्त किया गया। हालांकि इस दौरान यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा जहां उपस्थित ग्रामीणों के द्वारा शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सरपंच पति होलु कहरकर ,बीडीसी पूजा नगपुरे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन मौजूद रहे।

नदी सूखने से किसान और ग्रामीण परेशान

प्राप्त जानकारी के अनुसार भीषण गर्मी का दौर इस तरह चल रहा है कि चारों तरफ जल संकट की स्थिति बनी हुई है। जिसको लेकर लगातार किसानों और ग्रामीणों के द्वारा धरना आंदोलन प्रदर्शन किया जा रहे हैं। इसी कड़ी में मोवाड़ क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा भी सडक़ पर उतरकर धरना प्रदर्शन व चक्कजाम किया गया। जिसमें उनके द्वारा यह आंदोलन पानी की समस्या को लेकर किया गया। क्योंकि वर्तमान में बावनथड़ी नदी सुख गई है जहां जल संकट उत्पन्न हो चुका है नदी का जल स्तर भी बहुत नीचे जा चुका है। यही कारण है कि नदी किनारे खेतों में जल संकट बना हुआ है। वहीं नदी के माध्यम से संचालित नल जल योजनाओं की स्थिति खराब हो गई है। ऐसे में शुद्ध पेयजल की भी काफ ी समस्या ग्रामीणों के सामने बनी हुई हैं जिसको लेकर लंबे समय से ग्रामीणों के द्वारा सीतेकासा बांध से नदी में पानी छोडऩे की मांग की जा रही है ताकि वाटर रिचार्ज हो सके। परंतु इस समस्या को लेकर किसी के द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण किसान हो या ग्रामीण जल संकट की समस्या से जूझ रहा है। इस परिस्थिति में ग्रामीणों के द्वारा रविवार को सडक़ पर उतरकर सुबह धरना प्रदर्शन किया गया परंतु कोई असर नही होने पर मार्ग पर चक्का जाम कर दिया गया। उक्त मामले को लेकर अधिकारियों से भी चर्चा की गई परंतु केवल आश्वासन ही प्राप्त हो पाया है इसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया। इस दौरान करीब २ घंटे तक आवागमन अवरुद्ध रहा मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारे लगी रही मौके पर खैरलांजी पुलिस एवं राजस्व अमला लगातार समझाइए देता रहा।

२० अप्रैल तक पानी देने पर बनी सहमति

बावनथड़ी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच में सीमा रेखा का काम करती है वहीं सीतेकासा बांध जो है वह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सहयोग से बनाया गया है। इसके पानी पर दोनों राज्यों का आधा आधा अधिकार है इस परिस्थिति में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की राजीव सागर परियोजना की नहर में तो पानी दिया जाता है। परंतु नदी के लिए दोनों राज्यों के संबंधित जिले के जिला कलेक्टर की अनुमति लगती है। ऐसे में सिंचाई अधिकारियों के द्वारा ५ मई तक नदी में पानी छोडऩे की बात कही जा रही है किंतु ग्रामीणों के द्वारा २० अप्रैल तक नदी में पानी देने की मांग की जा रही है। इसी को लेकर धरना प्रदर्शन और चक्कजाम में २० अप्रैल तक पानी देने के प्रयास का आश्वासन दिया गया है। जिस पर लोगों का आक्रोश शांत हुआ और आवागमन व्यवस्था बहाल की गई।

इनका कहना है

नदी में पानी छोडऩे के लिए महाराष्ट्र जिला भंडारा एवं मध्य प्रदेश जिला बालाघाट के जिला कलेक्टर से बात करनी होती है। इसके लिए लेटर भी जारी कर दिया गया है पानी देने के लिए अनुमति चाहिए जो मिलते ही हम पानी देना प्रारंभ कर देंगे। ५ मई के बाद हम पानी देंगे। ग्रामीणों के द्वारा २० अप्रैल तक पानी देने की मांग की जा रही है जिसमें हम प्रयास कर सकते हैं।

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