सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा के निर्माण कार्यो में भारी अनियमिता बरतने का एक मामला सामने आया है।जहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा में किए गए कुछ निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा बिना टेंडर लिए ही किए जाने की बात कही जा रही है।जहां ठेकेदार निशिथ श्रीवास्तव पर बिना निविदा बिना टेंडर के ही पेवर ब्लॉक और विद्युतीकरण का कार्य किए जाने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में नियम कानून को ताक में रख कार्य का आधा भुगतान भी ठेकेदार को कर दिया गया है।जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले की शिकायत जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, एसडीएम और कलेक्टर तक पहुच चुकी है लेकिन अभी तक इस मामले की जांच नही कराई गई है।
क्या कहता है नियम
बात अगर नियम की करें तो नियम के अनुसार 05 लाख से ऊपर के जो भी निर्माण कार्य होते है उसके लिए बकायदा टेंडर निकाले जाते है जिसमे सभी ठेकेदार अपना अपना कार्य मूल्यांकन कर रेट डालते है।इसके लिए निविदा भी निकाली जाती है जिस ठेकेदार का रेट वाजिब होता है तथा कार्य स्तर अच्छा होता है उस ठेकेदार को ही विभाग द्वारा कार्य का टेंडर दिया जाता है। लेकिन अब इसका पूरा उल्टा ही हो रहा है बगैर टेंडर निकाले कार्य हो जाते है और उसका भुगतान भी हो जाता है। ऐसा ही एक मामला स्वास्थ्य विभाग का सामने आया है, जिसमे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा में लाखो के निर्माण कार्य बगैर टेंडर के कराए गए है तथा उन कार्यों का आधा भुगतान भी कर दिया गया है।
ठेकेदार के पूर्व कार्यो की शिकायत कर चुके है बीएमओ
आपको बताएं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा में पूर्व में 20 बेड के अस्पताल के लिए 50 लाख रुपए की लागत से नया भवन और पुराने भवन के मरम्मतीकरण कार्य के लिए 62 लाख रुपए की राशि स्वीकृत कराई गई थी। इस राशि से वहा निर्माण कार्य कराए गए जो की गुणवत्ताहीन है। कार्य सही नही होना इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसकी शिकायत परसवाड़ा बीएमओ द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को की जा चुकी है। अब जो मामला सामने आया है वह बहुत गंभीर है भवन में विद्युतीकरण और पेवर ब्लॉक के कार्य के लिए उन्नीस उन्नीस लाख रुपए की लागत से कराने शासन से स्वीकृति मिली। यह कार्य गौण खनिज मद की राशि से कराना था, लेकिन विभाग द्वारा बिना टेंडर किए निशिथ श्रीवास्तव ठेकेदार के माध्यम से करा लिया गया। सवाल यह उठता है कि जब इसके टेंडर ही नही हुए निविदा नही निकाली गई तो यह कार्य कैसे करा लिए गए।
बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के आगमन के समय कार्यों से जुड़ा है मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा में कुछ निर्माण कार्यों का टेंडर ठेकेदार निशिथ श्रीवास्तव को दिया गया था। जहां अस्पताल में आ रही सीलिंग के लिए वॉटरप्रूफ के कार्य, नया भवन और पुराने भवन के मरम्मतीकरण सहित अन्य कार्य शामिल थे। लेकिन उन कार्यों में पेवर ब्लॉक और विद्युतीकरण का कार्य शामिल नहीं था।फिर भी वह कार्य ठेकेदार द्वारा कर दिया गया। बताया जा रहा है कि जिस कार्य का ठेका ठेकेदार को दिया गया था वह कार्य गुणवत्ताहीन होने की शिकायत बीएमओ द्वारा एसडीएम और कलेक्टर से की गई थी जिसका निरीक्षण भी कलेक्टर द्वारा किए जाने की बात सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार अस्पताल में पेवर ब्लाक लगाने और विद्युतीकरण के कार्य का टेंडर नहीं हुआ था, ना ही निविदा निकाली गई थी। विधानसभा के चुनाव के पूर्व जब परसवाड़ा क्षेत्र में बागेश्वर धाम पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री का आगमन होने वाला था, उसके पूर्व अस्पताल को चमकाने का कार्य किया जा रहा था उसी के तहत पुराने काम में ही ठेकेदार द्वारा अतिरिक्त कार्य कर दिया गया। यह कार्य ठेकेदार द्वारा स्वयं अपनी मर्जी से किया गया या फिर किसी और के कहने पर किया गया इसकी जानकारी भी विभाग को नहीं है। जानकारी के मुताबिक ठेकेदार द्वारा किए गए उक्त कार्य का आधा भुगतान भी विभाग द्वारा कर दिया गया है।
पूर्व कार्य की शिकायत की गई है = बीएमओ परते
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा के इंचार्ज बीएमओ डॉक्टर वरुण सिंग परते ने बताया कि अस्पताल का नवीनीकरण, अतिरिक्त भवन का टेंडर जिला स्तर पर हुआ है इसकी ज्यादा मुझे जानकारी नही है। इसकी शिकायत एसडीएम और कलेक्टर को कर चुके है। कलेक्टर साहब ने यहां का निरीक्षण भी किया था। उन्होंने आगे बताया की पूर्व में जो काम हुआ है वह गुणवत्ताहीन है हमने ठेकेदार सीएचएमओ से इसकी शिकायत की है करीब 6 महीना पूर्व काम हुआ है पुरानी बिल्डिंग का नवीनीकरण 62 लाख रुपए ,तो वही नवीन बिल्डिंग के लिए 50 लाख रुपए का टेंडर हुआ था निर्माण कार्य के बावजूद भी वॉटरप्रूफ का कार्य ठीक से नहीं हुआ बारिश में भवन में सिपेज आ रही थी। पर अब तक इस पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं,, इसकी जानकारी हमें नहीं है।
कार्य के नहीं निकले टेंडर = बिसेन
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री के पद पर पदस्थ अंजु बिसेन ने बताया कि अस्पताल में हुए निर्माण कार्यों के टेंडर हुए थे लेकिन पेवर ब्लॉक कार्य के टेंडर नही निकले है।
पुराने काम में पेवर ब्लॉक सहित अन्य कार्य किए गए थे समायोजित- निशिथ श्रीवास्तव
इस पूरे मामले को लेकर जब हमने ठेकेदार निशिथ श्रीवास्तव से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि पुराने कार्य के जो टेंडर हुए थे उस टेंडर के आधार पर उन्होंने कार्य कराया था। उसी पुराने काम में ही पेवर ब्लॉक सहित अन्य कार्यों का समायोजन कर दिया गया था जिसके आधार पर उन्होंने अतिरिक्त कार्य किया है।
जो आदेश जारी हुए है सिर्फ उसी का भुगतान किया जाएगा- पांडेय
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय ने बताया कि जो काम का टेंडर लगा होगा, उन कार्यों का ही भुगतान हमारे द्वारा किया जायेगा। अगर किसी के द्वारा अतिरिक्त कोई कार्य किया गया या किन परिस्थितियों में किया गया इसकी जांच की जाएगी। जो निविदा या वर्कआर्डर हमारे द्वारा जारी किया गया होगा, उस वर्क ऑर्डर के आधार पर ही भुगतान होगा।मैं चूंकि स्थल पर गया नहीं हु मै अभी पूरी तरह उत्तर देने की स्थिति में नहीं हु। जिस कार्य के लिए हमने कार्य आदेश जारी किया उसी कार्य का हम भुगतान करेंगे।पहले मौका स्थल का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। कार्य का कुछ पेमेंट हुआ है कुछ पेमेंट रुका है। जांच के बाद ही इस विषय मे कुछ कहा जा सकता है।