अमेरिका में हर देश के लिए ग्रीन कार्ड की 7% की सीमा जल्द खत्म हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को मिल सकता है। दरअसल, अमेरिका में पक्ष और विपक्ष ने मिलकर हर देश को दिए जाने वाले रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड की सीमा हटाने के लिए संयुक्त रूप से एक विधेयक पेश किया है। 1990 के बाद पहली बार इसमें बदलाव की उम्मीद है।
इससे भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होने की संभावना है जो लंबे वक्त से ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ‘इक्वल एक्सेस टू ग्रीन कार्ड्स फॉर लीगल एम्प्लॉयमेंट’ कानून 2021 को पहले सीनेट में पारित करने की जरूरत है। उसके बाद वह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा जाएगा विधेयक में परिवार प्रायोजित वीसा पर प्रति देश 7% की सीमा को भी बढ़ाकर 15% किया गया है। आव्रजन और नागरिकता पर सदन की उप समिति की अध्यक्ष लोफग्रेन ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि हमारी आव्रजन प्रणाली में खामी है और इसमें दशकों से त्रुटि है।’
दरअसल, इसमें विसंगति यह है कि कम आबादी वाले देशों को भी उतने ही वीसा आवंटित किए गए, जितने ज्यादा आबादी वाले देशों को। ऐसे में 1990 में बदलाव और सीमा तय होने के बाद से ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
प्रवासियों को स्थायी निवास का अधिकार देता है ग्रीन कार्ड
ग्रीन कार्ड मिलने पर प्रवासियों को स्थायी रूप से अमेरिका में रहने का विशेषाधिकार मिल जाता है। नए कानून के बाद इसका सबसे ज्यादा फायदा उन भारतीय पेशेवरों को मिलने की उम्मीद है, जो एच-1बी वर्किंग वीसा पर अमेरिका पहुंचते हैं। इससे पहले कुशल कर्मियों से जुड़ा फेयरनेस फॉर हाई स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट संसद में 365 के मुकाबले 65 मतों से पारित हो चुका है। ऐसे में ग्रीन कार्ड का कोटा बढ़ाने से जुड़े बिल के पास होने को लेकर भी उम्मीद बढ़ गई है।