पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों पर सवाल उठा दिए हैं। खास बात है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से अभिषेक बनर्जी को समन भेजा गया है। उन्हें कोयला घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है। सीएम बनर्जी ने एजेंसियों की तरफ से मिल रहे समन को ‘खुली हिंसा’ बताया है। हाल ही में उन्होंने 2024 चुनाव को अपनी ‘आखिरी जंग’ बताया था। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने कहा, ‘एजेंसी के समन केवल प्रतिशोध की राजनीति नहीं है, यह खुली हिंसा है… अगर मुझे पता होता कि राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी, तो मैं कभी राजनीति में नहीं आती।’ उन्होंने दोबारा आरोप लगाए कि पशु और कोयला तस्करी के मुद्दे केंद्रीय गृहमंत्रालय और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा, ‘आप हर समय सभी को बेवकूफ नहीं बना सकते… जिस तरह आप मीडिया में हमें बगैर सबूत के बदनाम कर रहे हैं, जिस तरह की भाषा का आप इस्तेमाल करते हैं और ‘सूत्रों’ का हवाला देते हैं… आपको सोचना चाहिए कि अगर आपके साथ भी ऐसा ही किया जाए, तो क्या होगा।’ इधर, टीएमसी के नेताओं का कहना है कि ईडी और सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी सीबीआई पार्टी कार्यक्रमों के आसपास उनके खिलाफ काम कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि पशु तस्करी और कोयला घोटाला से मिला पैसा कोलकाता के कालीघाट जाता है। खास बात है कि यहां ममता बनर्जी रहती हैं और जगह काली मंदिर के लिए मशहूर है। इसपर टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, ‘आप आरोप लगाते हैं कि भ्रष्टाचार की कमाई कालीघाट पहुंच रही है। मैं पूछती हूं, कालीघाट में किसके पास? क्या मां काली? क्या आप कोई नाम बता सकते हैं वाम दलों और कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि बनर्जी और भाजपा के बीच ‘सेटिंग’ है। इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं सैटिंग की राजनीति में शामिल नहीं हूं… मैं इसमें अच्छी नहीं हूं… मैं यह कभी नहीं कर पाऊंगा… अगर मैं सैटिंग करने में अच्छी होती, तो अपने पूरे शरीर पर चोट के निशान लेकर मैं वाम राजनीति में चीजे मिलने वाले हिस्से में नहीं होती। कांग्रेस नेताओं की तरह नहीं, जिन्होंने खुद को बेच दिया है।