नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत मानपुर आखर चौक में स्थित वटवृक्ष स्थल पर १४ जून को महाराष्ट्रीयन हिन्दु धर्मालंबी सुहागिन महिलाओं के द्वारा पति की लंबी उम्र की कामना हेतु वट सावित्री का व्रत रखकर पूजा अर्चना की गई। इसी तरह नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में महिलाओं के द्वारा वट सावित्री की पूजा की गई। इस अवसर पर व्रतधारी महिलाओं के द्वारा सुबह स्नान, ध्यान व सोलह श्रृंगार किया गया जिसके पश्चात समस्त महिलाएं पूजन सामग्री की थाल सजाकर वट वृक्ष स्थल पहुंची जहां दीपक जलाकर हल्दी, कुमकुम, रोली, फल, पकवान चढ़ाकर एवं क’चा धागा बांधकर पेड़ की परिक्रमा कर सत्यवान सावित्री की कथा का वाचन किया गया। इस अवसर पर सुबह से ही नगर की व्रत धारण करने वाली महिलाओं ने बरगद के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना करने के लिये भीड़ लगी रही। इस व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि ‘येष्ट माह के अंतिम दिन व आषाढ के पूर्व आने वाली पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत किया जाता है। सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिये यह व्रत रखती है, इस दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर आई थी जिसके बाद उन्हें सती सावित्री कहा जाने लगा। चर्चा में व्रतधारी महिलाओं ने बताया कि सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए वट सावित्री की पूजा करती है और पौराणिक मान्यता है कि माता सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण बचाने के लिए व्रत किया था तब से सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना को लेकर व्रत करती है। साथ ही यह भी बताया कि वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुहागिन महिलाएं सुबह १६ श्रृंगार कर पूजन सामग्री के साथ वटवृक्ष स्थल पहुंचकर विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर वट सावित्री की पूजा अर्चना एवं परिक्रमा कर अखण्ड सौभाग्य व पति के दीर्घायु की कामना की गई।