पन्ना टाइगर रिजर्व में ड्रोन से की जा रही बाघों की निगरानी

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डेढ़ दशक पहले तक दस्यु ठोकिया के निशाने पर रहे पन्ना टाइगर रिजर्व में अब ड्रोन से बाघों की निगरानी की जा रही है। पार्क प्रबंधन ने ड्रोन दस्ता गठित किया है, जो जंगल के कोने-कोने में घूमकर आकाश के रास्ते पार्क में होने वाली प्रत्येक गतिविधि की निगरानी कर रहा है। दस्ते में वाहन, ड्रोन, आपरेटर और उसका सहयोगी शामिल हैं। बाघ पुनर्स्थापना के बाद पन्ना की ख्याति बढ़ी है। पार्क में वर्ष 2007 में बाघ खत्म हो गए थे। उस दौर में ठोकिया गिरोह पार्क में सक्रिय था और तभी बाघों कासबसे ज्यादा शिकार हुआ। अभी भी पार्क के बाघ उत्तर प्रदेश की सीमा में चले जाते हैं। इसलिए बाघों की निगरानी करने के लिए आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक ड्रोन से ऊंचाई से दूर तक देखा जा सकता है और जंगल में होने वाली हर गतिविधि न सिर्फ देखी जा सकती है, बल्कि रिकार्डिंग होने से घटना को अंजाम देने वालों को पकड़ा और सजा दिलाना आसान हो जाता है। पार्क को डेढ़ माह पहले ही ड्रोन उपलब्ध कराया गया है और प्रबंधन ने उसका उपयोग भी शुरू कर दिया है। ड्रोन से अन्य संरक्षित क्षेत्रों (टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और अभयारण्य) और ईको टूरिज्म क्षेत्रों की निगरानी भी की जाएगी। इसे लेकर राज्य स्तर पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है।

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