नगर मुख्यालय से लगभग ३ किमी. दूर बकोड़ा के समीप बालाघाट-लालबर्रा पहुंच मार्ग पर स्थित पांगा तालाब की पार विगत दिवस हुई अनवरत बारिश से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी एवं पानी तेज बहाव से बह रहा था जिसके बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के द्वारा तालाब के पार के अलग-अलग दो स्थानों सेपानी निकासी के लिए रास्ता बनाया गया था एवं तालाब का पानी कम होने के बाद पानी बहना बंद हो गया था। कुछ दिनों पुर्व ही जल संसाधन विभाग के द्वारा जिस स्थान से पांगा तालाब की पार क्षतिग्रस्त हुई थी उसका बोरी में रेत भर मरम्मत कार्य करवाया गया था परन्तु दो दिवस से हो रही रूक-रूक की बारिश में तालाब लंबालब भर चुका है एवं जिस स्थान से पूर्व में पानी निकासी के लिए रास्ता बनाया गया उसका मरम्मत कार्य नही किया गया है जिसके कारणबुधवार को बालाघाट रोड़ स्थित ओरीयंटल कालेज के आगे से तालाब का पानी तेज बहाव से बहने के साथ ही रोड़ के ऊपर से बह रहा है जिससे मार्ग से आवागमन करने वाले राहगीरों व स्कूलीबज्चों को बेहद ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है एवं तालाब के समीप निर्माणाधीन मकान व झोपड़ी के आसपास भी पानी जमा हो गया। वहीं खेतों से पानी बहने के कारण बकोड़ा के किसानों की फसल भी पुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है जिससे किसानों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है। विदित हो कि पांगा तालाब का पार फुटनेसे अत्यधिक पानी के साथ में मछली भी बह चुकी है एवं ३०-४० एकड़ खेतों में लगी फसल भी खराब हो चुकी है जिससे मछवारों व किसानों को लाखों रूपयों नुकसान हुआ है एवं पांगा तालाब की पार का मरम्मत कार्य करवाने के साथ ही मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को अवगत भी करवाया गया है परन्तु कोई सुध नही ली जा रही है जिससे किसानों के साथ ही मछवारों में शासन-प्रशासन के प्रतिभारी आक्रोश व्याप्त है।
पार की मरम्मत और मुआवजा दिये जाने की मांग की
चर्चा में राहगीरों व किसानों ने बताया कि विगत दिवस हुई अनवरत बारिश में पांगा तालाब की पार क्षतिग्रस्त हो चुकी थी उसके बाद बोरी बंधान कर क्षतिग्रस्त पार का मरम्मत कार्य किया गया था एवं पूर्व में जिस स्थान से पानी निकासी के लिए रास्ता बनाया गया था उसका मरम्मत कार्य नही किया गया है जिसके कारण सोमवार व मंगलवार की रात में हुई बारिश के कारण पुन: तालाब में पानी जमा हो गया है और जिस स्थान से पानी निकासी के लिए रास्ता बनाया गया था उक्त स्थान से अत्यधिक पानी बह रहा है जो बालाघाट रोड़ के ऊपर से खेतों में जा रहा है जिससे आवागमन करने में परेशानी होने के साथ ही किसानों के खेतों में लगी धान की फसल भी खराब होने लगी है एवं तालाब से मछली भी जाने लगी है इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि पांगा तालाब के क्षतिग्रस्त पार की मरम्मत कार्य करवाकर किसानों व मछवारों को मुआवजा प्रदान करें। उक्त संबंध में जब जल संसाधन विभाग के एसडीओ सुश्री श्लेषा डोंगरे से दूरभाष पर पांगा तालाब के क्षतिग्रस्त पार के मरम्मत कार्य के संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।
ढाई एकड़ की फसल हो गई खराब – भूनेश्वरी
श्रीमती भूनेश्वरी कावरे ने बताया कि विगत दिवस हुई अनवरत बारिश के कारण बकोड़ा के समीप स्थित पांगा तालाब की पार फुटने से अत्यधिक पानी बालाघाट रोड़ के ऊपर सेकिसानों के खेतों से निकला है जिसके कारणरोपाई के लिए जो खार बोये थे एवं जिन्होने रोपाई कर दिये थे वह खराब हो गया था जिसके बाद इधर-उधर से खार की व्यवस्था कर रोपाई किये थे परन्तु अब पुन: तालाब का पानी फसल के ऊपर से बह रहा है जिससे हमारे स्वयं की ढाई एकड़ की फसल खराब हो चुकी है। श्रीमती कावरे ने बताया कि पांगा तालाब के पार की मरम्मत कार्य एवं मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर तहसीलदार व १८१ में भी शिकायत कर चुके हैपरन्तु जिम्मेदारों के द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है अगर समय रहते पार कर मरम्मत कार्य नही किया गया तो करीब ४०-५० एकड़ खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद हो जायेगी जिससे किसानों को लाखों रूपयों का नुकसान होगा इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि जिन स्थानों से पांगा तालाब की पार क्षतिग्रस्त हुई है उसका जल्द मरम्मत कार्य करवाये।