पिंजरे से निकलते ही बाघिन ने किया शिकार !

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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन को बुधवार को सुरक्षा व्यवस्था के बीच सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के घने जंगल में छोड़ा गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति की निगरानी में बाघिन को दो दिन पहले ही छह सदस्यीय दल बांधवगढ़ से लेकर आया था। इस बाघिन को एक साल पहले संजय टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू किया गया था।

12घंटे का सफर तय कर बाघिन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व लाया गया था। बाघिन को वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने पहले बेहोश किया और उसके बाद घने जंगल में ले जाया गया। वन अधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन का पिंजरा खाेला गया। जैसे ही पिंजरा खुला बाघिन ने दहाड़ लगाते हुए जंगल की ओर दौड़ लगा दी। क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति, सहायक संचालक सोहागपुर, पिपरिया, वन्य प्राणी चिकित्सक अन्य अमले की उपस्थिति में बाघिन को जंगल में छोड़ने की पूरी कवायद की गई।

इस बाघिन की निगरानी के लिए उसके गले में रेडियो कॉलर लगाया गया है। बाघिन के हर मूवमेंट की जानकारी वनअधिकारियाें को रहेगी। अधिकारियों के मुताबिक बाघिन पूरी तरह स्वस्थ्य है और सक्रिय है। बताया जा रहा है कि जंगल में जाते ही उसने एक जानवर का शिकार भी किया है।

गौरतलब है कि एक माह पूर्व ही भोपाल के वनविहार से एक बाघ को बोरी रेंज के बाड़े में रखा गया है। इस बाघ ने हरदा में एक वनकर्मी पर एक ग्रामीण पर हमला कर दिया था। बाघ की सेहत में अब सुधार है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र को बाघों के लिहाज से सबसे अच्छा माना जा रहा है।

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