काबुल Afghanistan Taliban crisis। अफगानिस्तान में तालिबान के जबरन कब्जे के बाद महिलाओं में खौफ की स्थिति है। देश में स्थिति लगातार भयावह और चिंताजनक बनी हुई है। तालिबान के 20 साल पुराने क्रूर शासन को याद करके वहां की महिलाएं काफी चिंतित है। ऐस में अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान खालिदा पोपल ने अपनी साथी महिला फुटबॉलरों व जूनियर खिलाड़ियों से अपील की है वे अपनी जान बचाने को फिलहाल प्राथमिकता दें और फुटबॉल किट को जला दें और सोशल मीडिया से भी अपनी तस्वीरें डिलीट कर दें।
फिलहाल कोपेनहैगन में है खालिदा पोपल
अफगानिस्तान के पूर्व महिला फुटबॉल कप्तान खालिदा पोपल फिलहाल कोपेनहैगन में है और उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ एक वीडियो इंटरव्यू में कहा कि अफगानिस्तान की महिलाएं अभी काफी डरी हुई है। तालिबान के आतंकियों ने अपने 20 साल पुराने शासन में कई महिलाओं की हत्या, दुष्कर्म और पत्थर मारकर हत्या करने जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था।
अफगान महिला फुटबॉल लीग की को-फाउंडर ने कहा कि मैंने हमेशा युवा महिलाओं को मजबूती से खड़े होने और सामने आने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन अब मैं यह संदेश नहीं देना चाहती हू्। खालिदा ने कहा कि मैं आज कह रही हूं कि अपना नाम बदल दें, पहचान हटा दें और अपनी सुरक्षा के लिए तस्वीरों को डिलीट करें।
तालिबान ने 1996 से 2001 के बीच लगाए थे महिलाओं पर कई प्रतिबंध
गौरतलब है कि साल 1996 से 2001 के बीच तालिबान ने अपने शासन के दौरान अफगानिस्तान में महिलाओं पर कई कड़े प्रतिबंध लागू किए थे। इस्लामिक कानून के तहत तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर भी बैन लगा दिया था। लड़कियों को स्कूल नहीं जाने दिया जाता था। महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। साथ ही महिलाओं को किसी पुरुष साथी या रिश्तेदार के साथ ही घर से बाहर निकलने की इजाजत दी गई थी। यदि महिलाएं इन नियमों का उल्लंघन करती थी तो उन्हें कठोर और क्रूर सजा मिलती थी।