प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम के दौरान वे अपने विचार भी साझा करेंगे। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुताबिक, वर्चुअल मीट दोपहर 3 बजे शुरू होगी और इसमें कई देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले हेल्थ और टेक्नोलॉजी से जुड़े एक्सपर्ट शामिल होंगे।
वैक्सीनेशन में कोविन अहम हथियार
कॉन्क्लेव का मकसद कोविन प्लेटफॉर्म के जरिए कोरोना से लड़ने के लिए यूनिवर्सल वैक्सीनेशन के संबंध में भारत के अनुभव को साझा करना है। कोविन को पूरे देश में वैक्सीनेशन की रणनीति बनाने, लागू करने, निगरानी करने और मूल्यांकन करने के लिए केंद्रीय आईटी प्रणाली द्वारा विकसित किया गया था।
कई देशों ने दिखाई रुचि
हाल ही में कई देशों ने भारत के टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल हुई तकनीक का उपयोग करने में रुचि दिखाई है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने बताया कि भारत कोविन के साथ मिलकर कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए दुनिया के साथ हाथ मिलाने के लिए उत्साहित है।
क्या है कोविन?
यह ऐप वैक्सीनेशन की प्रोसेस, एडमिनिस्ट्रेटिव एक्टिविटीज, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करता है, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है। इसमें 5 मॉड्यूल दिए गए हैं। जिनमें प्रशासनिक मॉड्यूल, रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, वैक्सीनेशन मॉड्यूल, लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल शामिल हैं।
- प्रशासनिक मॉड्यूल: वे लोग जो वैक्सीनेशन इवेंट का संचालन करेंगे। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने के लिए लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिलेगी।
- रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल: उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।
- वैक्सीनेशन मॉड्यूल: उन लोगों की जानकारियों को वैरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेस्शन करेंगे। इस बारे में स्टेटस भी अपडेट करेगा।
- लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे। इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
- रिपोर्ट मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी। जैसे, टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा, कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया आदि।