मैनचेस्टर: क्रिकेट में हर मैच में बेस्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिलता है। इसमें कई फैक्टर देखे जाते हैं। मुख्य रूप से प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड उस खिलाड़ी को मिलता है जो मैच का रुख बदलता है। ज्यादातर मौकों पर विजेता टीम का खिलाड़ी यह अवॉर्ड पाता है। हालांकि कई बार हारने वाली टीम का खिलाड़ी भी यह अवॉर्ड ले जाता है। ड्रॉ होने की स्थिति में अमूमन वह खिलाड़ी यह अवॉर्ड जीतता है जिसकी वजह से मैच बराबरी पर खत्म हुआ।
बेन स्टोक्स ने मैनचेस्टर टेस्ट में जीता अवॉर्ड
भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेला गया टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला ड्रॉ रहा। ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने भारत की पहली पारी में 5 विकेट लिए। इसके बाद बल्लेबाजी में शतक लगाया। 198 गेंदों पर उन्होंने 11 चौके और 3 छक्कों की मदद से ये रन बनाए। इसके बाद दूसरी पारी में भी एक बल्लेबाज को आउट किया।
रविंद्र जडेजा मैच के असली हीरो
बेन स्टोक्स की पहली पारी में गेंदबाजी और बल्लेबाजी से भारतीय टीम पूरी तरह बैकफुट पर आ गई थी। वहां से मैच बचाना बड़ी उपलब्धि है। भारतीय टीम की तरफ से शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा ने शतक लगाया। जडेजा ने गेंदबाजी में चार विकेट भी लिए थे। जडेजा मैच के असली हीरो थे। उन्होंने जो रूट को भी आउट किया। बेन स्टोक्स का भी विकेट उन्हें मिला। उन्होंने बेन स्टोक्स और इंग्लैंड को मैच जीतने से रोक दिया। यानी जडेजा ने मैच का रुख बदला।
वॉशिंगटन सुंदर ने भी पहली पारी में पारी को संभाला और अंत में आकर 27 रन बनाए थे। गेंदबाजी में उन्होंने दो विकेट लिए। दूसरी पारी में 101 रन बनाए और 206 गेंद खेलकर मैच बचाने में अहम रोल निभाया। शुभमन गिल ने जीरो रन पर दो विकेट गिरने के बाद क्रीज पर आकर 103 रन बनाए।
स्टोक्स ने खेल भावना का ध्यान भी नहीं रखा
बेन स्टोक्स ने भी मैच खत्म होने से पहले खेल भावना को भी तार-तार कर दिया। रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर शतक के करीब थे। इसके बाद भी स्टोक्स चाहते थे कि मैच खत्म हो जाए। उन्होंने खेल भावना का ख्याल नहीं रखा और भारतीय खिलाड़ियों से लड़ने लगे। काफी देर तक जडेजा और सुंदर के साथ उनकी बहस चली। इसके बाद भी स्टोक्स को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिलना समझ से परे है।