ब्लाक अंतर्गत स्थित ७७ ग्राम पंचायतों में शुध्द पेयजल सप्लाई करने हेतु चलाई जा रही करोड़ों रूपयों की समूह नल-जल योजना का संचालन विगत दो दिनों से सिर्फ ‘फिटकरी’ ना होने से ठप्प पड़ा हुआ है, पेयजल सप्लाई ना होने से एक ओर जहां ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि करोड़ों रूपयों की नल-जल योजना को अनवरत चालू रखने के लिये विभागीय अधिकारी समय रहते पानी के शुध्दिकरण हेतु ‘फिटकरी’ की व्यवस्था नही कर पा रहे है, यह बात लोगों के गले नही उतर रही है और लोग विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिंह खड़ा कर रहे है। पेयजल सप्लाई बंद होने से लोगों को हो रही समस्याओं की जानकारी मिलने पर २७ जून को पद्मेश की टीम ने जब ग्राम पंचायत जाम में स्थित समूह नल-जल योजना के फिल्टर प्लांट का जायजा लिया तो पाया कि ‘फिटकरी’ ना होने के कारणफिल्टर प्लांट बंद पड़ा हुआ था, प्लांट में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि पानी का शुध्दिकरण करने हेतु उपयोग होने वाली फिटकरी ना होने से फिल्टर प्लांट बंद पड़ा हुआ है जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को है एवं एक-दो दिन में फिटकरी का ट्रक आने की जानकारी मिली है जिसके बाद फिल्टर प्लांट चालू हो जायेगा एवं पुन: ७७ ग्राम पंचायतों में पेयजलापूर्ति प्रारंभ हो जायेगी। क्षेत्रीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द विभाग को ‘फिटकरी’ उपलब्ध करवाई जाये ताकि पीने के पानी के लिये हो रही परेशानियां खत्म हो सके साथ ही विभागीय स्तर पर इस बात की जांच की जाये कि फिटकरी खत्म होने के पहले व्यवस्था क्यों नही करवाई गई।
नल-जल योजना बंद होने पर नही मिलती जानकारी
यहां यह सबसे बड़ी समस्या है कि किसी तकनीकी कारणवश या अन्य कारणों से जब कभी नल-जल योजना बंद होती है तो इसकी जानकारी आम नागरिकों को नही मिल पाती है और ऐसी स्थिति में ग्रामीणजन ग्राम पंचायतों को दोषी ठहराने लगते है, ग्रामीणों का कहना है कि बिजली व पानी आम नागरिकों की मुख्य आवश्यकताओं में शामिल है तो जिस प्रकार विद्युत आपूर्ति बंद होने पर अखबारों के माध्यम से सूचना मिल जाती है उसी प्रकार नल-जल योजना किन कारणों से कब तक के लिये बंद है इसकी जानकारी भी मिलनी चाहिये ताकि वे अन्य माध्यमों से पानी की व्यवस्था कर सकें।
फिटकरी का अचानक खत्म होना विभागीय कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिंह …?
ऐसा नही है कि पहली बार समूह नल-जल योजना का संचालन ठप्प पड़ा हो, इसके पूर्वमें दो वर्ष पूर्व वैनगंगा नदी के छिंदलई घाट में बनाये गये इंटेक वॉल में नदी सूखने के कारणगर्मी के मौसम में पेयजलापूर्ति बाधित हो गई थी जिसके पश्चात तेज आंधी तूफान में खंबे गिरने एवं ट्रांसफार्मर खराब होने से पेयजलापूर्ति बंद हो गई थी एवं गत वर्ष भी फिल्टर प्लांट में बनाये गये ३३/११ केव्हीए क्षमता के पावरहाऊस का मुख्य ट्रांसफार्मर खराब होने से लगभग १२ दिनों तक पेयजलापूर्ति बंद रही थी परंतु यह सब कारण प्राकृतिक आपदा व नदी में पानी की कमी से संबंधित थे जिस पर किसी का कोई कंट्रोल नही था परंतु वर्तमान समय में पानी को शुध्द करने के लिये उपयोग में आने वाली महत्वपूर्ण ‘फिटकरी’ का खत्म हो जाना और दो दिनोंतक फिटकरी उपलब्ध ना होना विभागीय कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिंह खड़ा करता है, लोगों में चर्चा है कि यदि फिटकरी खत्म होने वाली थी तो इसकी जानकारी अधिकारियोंको मिली होगी तो फिर समय रहते अधिकारियों ने फिटकरी की व्यवस्था क्यों नही करवाई।
सिर्फ फिटकरी ना होने से बंद है महत्वपूर्ण परियोजना – अनीस
ग्राम पंचायत पांढरवानी-लालबर्रा सरपंच अनीस खान ने चर्चा में बताया कि समूह नल-जल योजना लालबर्रा क्षेत्र की ७७ ग्राम पंचायतों के लिये महत्वपूर्ण परियोजना है जो विगत दो दिनों से बंद है जिससे पानी सप्लाई बंद हो गई है। श्री खान ने कहा कि लालबर्रा ग्राम पंचायत मुख्यालय की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है जहां पर हम स्वयं की मशीनों से नल-जल सप्लाई कर लेते थे परंतु बहुत दिनों से मोटरें बंद थी जिसे चालू करने पर देखा गया कि मशीनों को आइलिंग करवाना पड़ेगा जिससे यहां भी दिक्कतें हो रही है। श्री खान ने बताया कि उन्हे जानकारी मिली है कि छिंदलई की नल-जल योजना सिर्फ ‘फिटकरी’ के ना होने के कारणपानी शुध्दिकरण नही हो रहा है इस वजह से बंद है, शासन-प्रशासन व पीएचई विभाग से अपील है कि जल्द से जल्द फिटकरी बुलवाकर नल-जल योजना का संचालन प्रारंभ करवायें।
‘इस संबंध में चर्चा हेतु जब दूरभाष पर समूह नल-जल योजना के एसडीओ के.के.दुबेसे संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क स्थापित नही हो पाया।’