वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र में खाद की किल्लत फि र उत्पन्न हो गई है। खेती अपने अंतिम दौर में होने के कारण किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव से लेकर शहर तक सभी गोदाम खाली नजर आ रहे हैं। ऐसे में किसानों के द्वारा जगह जगह डीएपी ,२०२००१३ जैसे उपयुक्त खाद की पतासाजी की जा रही है परंतु सभी तरफ से उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। इस दौरान विभाग के अधिकारी कर्मचारी कुछ दिनों में खाद आने की बात कर रहे हैं किंतु वर्तमान में गोदाम खाली होने की बात बताई जा रही है। इस समय सबसे ज्यादा समस्या नगदी में खाद खरीदी करने वाले किसानों को हो रही है जो ५० किलोमीटर दूर तक स्थित समिति एवं शासन के गोदाम में भी पता लगाने पहुंच रहे हैं। उनके द्वारा शासन प्रशासन से जल्द खाद उपलब्ध करवाने की मांग की जा रही हैं।
लगातार बनी हुई हैं खाद की समस्या
वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र कृषि प्रधान है जहां की सर्वाधिक आबादी खेती किसानी कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करती है। जब से खरीफ का मौसम और बारिश की आमद प्रारंभ हुई है किसानों ने खेतों में काम करना प्रारंभ कर दिया है। किंतु प्रारंभ से ही डीएपी या २०२००१३ खाद जो किसने को खेती कार्य में खार लगाने और रोपा लगाने के पहले खेतों में छिडक़ाव करने की अत्यंत जरूरत होती है। जिसके लिए बीते करीब २ महीने से लगातार किसान परेशान नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में यह खाद नाम मात्र का प्राप्त होता है और अगले ही दिन समाप्त हो जाता है। ऐसे में खाद लेने से चूक गए किसान अपने ग्राम से शहर तक लगातार चक्कर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि खेती के पूर्व ही विभिन्न पंजीयन एवं राजस्व विभाग के द्वारा समस्त प्रकार की जानकारियां एकत्रित कर ली गई। क्षेत्र में इस बार कितने रकबे में धान की फ सल लगना है। समस्त आंकड़े होने के बाद भी शासन प्रशासन के द्वारा क्षेत्र में जरूरत के आधार पर पूर्ति नहीं की जा रही है। इसको लेकर किसान काफ ी आक्रोशित नजर आ रहे हैं तो वहीं राष्ट्रीयकृत बैंक से फ ाइनेंस करने वाले किसान हमेशा खाद को नकद में खरीद कर उपयोग करते हैं। परंतु देखने में आ रहा है कि मारफेट का गोदाम पूरी तरह खाली पड़ा हुआ है। जहां उन्हें नगदी में खाद भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि किसान खेती लगाने में पिछड़ते जा रहे हैं खाद का इंतजार उन्हें कई प्रकार की परेशानियों में डाल रहा है। किंतु अधिकारियों के द्वारा उक्त समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जाना किसानों की परेशानी का कारण बना हुआ है। अभी तक शासन के द्वारा दो से तीन बार खाद वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र को उपलब्ध कराया गया है किंतु वह पर्याप्त नहीं हो पाया है। ऐसी समस्या से हर कोई परेशान है किसान १० किलोमीटर से ३० किलोमीटर तक की दूरी तय कर नगर एवं जिला मुख्यालय के विभिन्न स्थानों का भ्रमण खाद की आशा लेकर कर रहे हैं। किंतु सभी जगह उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है ऐसे में आज भी खाद प्राप्त नही होने से कई स्थानों पर रोपाई कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है।
किसानों को खाद मिलना अति आवश्यक है वरना फसल में नुकसान होगा-रविंद्र गौतम
किसान रविंद्र गौतम ने बताया कि खरीफ की खेती लगाने का अभी अंतिम दौर चल रहा है ऐसे में क्षेत्र में अभी तक ७० प्रतिशत खेती लग चुकी है ३० प्रतिशत खेती लगने की बची है। जिसमें किसान खाद की रास्ता देख रहे हैं क्योंकि रोपाई के लिए जो खाद की व्यवस्था होनी थी वह नहीं हो पाई है सोसायटी और गोदाम के लगातार किसान चक्कर लगा रहे हैं। हम भी लगातार इधर उधर खाद के लिए भटक रहे हैं यह एक बड़ी समस्या है बिना खाद के हम रोपाई नहीं कर पाएंगे। यदि खाद नहीं मिला तो मजबूरी में रोपाई करना होगा परंतु उसका कोई मतलब नहीं रहेगा कहां कितना खेती का रकबा है यह सब शासन के पास आंकड़े है फि र भी शासन प्रशासन किसानों को परेशान कर रहा है। मैनेजर यही कहते हैं कि सप्ताह ८ दिन में रेक लग रही है खाद आ जाएगा। परंतु इसमें किसान लेट हो रहा है खार जठर हो रही है फ सल में असर पड़ेगा यह सब शासन प्रशासन नहीं देख पा रहा है।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि आज ही हमें पत्र प्राप्त हुआ है कि खाद की रेक लगने वाली है। अधिकतम एक सप्ताह के अंदर खाद पहुंच जाएगा वैसे तो तीन.चार दिन लगना चाहिए वर्तमान में किसान गोदाम से वापस जा रहे हैं। क्योंकि गोदाम में डीएपी और २०२००१३ खाद एक भी नहीं है अभी किसानों को आवश्यकता है खाद प्राप्त होते ही वितरण प्रारंभ कर दिया जाएगा।