बहुचर्चित डबल मनी वाले मामले में एजेंटों को सता रहा जान माल का खतरा

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जिले के बहुचर्चित डबल मनी वाले मामले से जुड़े एजेंटों को अब अपनी जान माल का खतरा सताने लगा है। शायद यही वजह है कि डबल मनी मामले मे लोगों से पैसे लेकर दुगना करने के नाम पर मुख्य आरोपी के पास जमा कराई गई रकम वापस ना मिलने से एजेंट काफी परेशान है । जहां उन्होंने आए दिनों बन रहे नए-नए प्रकरण और लोगों के आक्रोश को देखते हुए उन्होंने अपनी जान माल का खतरा लग रहा है । जिन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से एसपी,डीआई जी गृहमंत्री सहित अन्य कार्यालयों में एक लिखित नोटिस देकर जान माल की हिफाजत करने, उन पर आगे कोई प्रकरण दर्ज ना करने की गुहार लगाई है। जिन्होंने इस मामले में इंसाफ किए जाने की दिए जाने की मांग को लेकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस जारी किया है।जिन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिए गए इस नोटिस में उनकी जान-माल संपत्ति परिवार आदि को नुकसान होने की आशंका जताते हुए भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर इसके लिए पूर्ण रूप से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि एजेंटों की मंशा अनुरूप अधिवक्ता बसंत पांडे द्वारा भेजे गए इस नोटिस कि फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन बीते फरवरी माह में ही एजेंटों के अधिवक्ता द्वारा नोटिस भेजने की बात कही जा रही है।

अधिवक्ता के माध्यम से इन कार्यालयों को भेजा नोटिस
डबल मनी वाले मामले में एजेंटों की पैरवी कर रहे जबलपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता बसंत पांडे द्वारा दिए गए इस नोटिस में अधिवक्ता श्री पांडे ने डबल मनी एजेंटो पक्षकारों को निर्दोष बताते हुए इस पूरे मामले में एजेंटों की जानमाल की हिफाजत किए जाने की मांग की है।वही मांग पत्र जारी कर इस नोटिस देकर अग्रिम कार्यवाही किए जाने की बात का उल्लेख किया है। अधिवक्ता बसंत पांडे ने एजेंटों की तरफ से पुलिस अधीक्षक बालाघाट, डीआईजी भोपाल, गृह मंत्री मध्य प्रदेश शासन, मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली, मुख्य न्यायाधीश जबलपुर, मुख्य न्यायाधीश नई दिल्ली और उच्च न्यायालय जबलपुर में अग्रिम कार्यवाही हेतु एक प्रति भेज कर इसे सुरक्षित रखने और मामले का संज्ञान लेकर उन्हें इंसाफ दिलाने की मांग की है।

इन एजेंटों के नामों का उल्लेख कर भेजा गया नोटिस
विभिन्न कार्यालयों में अधिवक्ता बसंत पांडे के द्वारा भेजे गए नोटिस में, अधिवक्ता ने अपने पक्षकार के नामों का उल्लेख करते हुए उनके इस नोटिस पर कार्यवाही किए जाने की मांग की है । भेजे गए इस नोटिस नरेन्द्र धनवल, योगराज कबीरे, गिरीश भेटेवे, नीरज करीरे, विद्या कधीरे, श्रवण कवीरे, तेजप्रकाश ककारयने,राजेन्द्र कलवेले,सुदीप महीमहेरे, संजय बिलोले, राजेन्द्र ब्यौने, जितेन्द्र कंकरायने, ओमप्रकाश कंकरायने, आशुतोष बियोने, अंकित महिश्यरे, नारायण कसबे, आशीष कबीरे, धानेश्वर बपूरे, दससू लाल पांचे, नौसन मनसूरे, सेवक धामने, संजय विहोने, संतोष कलवेले, धर्मेन्द्र भटेरे, मुकेश कुमार भटेरे, सुधीर कंकरायने
शुभम उरोड़े, संतोष आवरे, और शारदा प्रसाद के नाम का उल्लेख करते हुए उनकी जान-माल की हिफाजत करने और उन्हें इंसाफ दिलाए जाने की मांग की है।

नोटिस में इस बात का किया गया उल्लेख
जबलपुर हाई कोर्ट अधिवक्ता बसंत पांडे ने जारी किए गए इस नोटिस में इस बात का उल्लेख किया है कि मेरे पक्षकारगण जो बहुत भोले भाले है। कंपनी के कर्मचारी अधिकारी, पैसा इकट्ठा करते थे तथा उस पैसो को बालाघाट मे बने कंपनी के वरिष्ठ मालिक की चिकनी चुपड़ी बातो मे आकर बालाघाट जिले के आय जनता से अधिकारियों को पूरा हिसाब बना कर सौप देते थे। उसके एवज मे हमारे
पक्षकार गणो को कुछ कमीशन के तौर पर पैसा मिलता था जो कानूनी तौर पर जायज था।कुछ समय तक कंपनी ने भरोसा जमाने के लिये जनता का पैसा वापस किया तथा कंपनी द्वारा पैसे की देनदारी हेतु हमारे पक्षकार एजेन्टों
को हजारो लाखो तथा करोड़ो रूपये के अग्रिम तिथि के चेक वितरित किये। कंपनी द्वारा मेरे पक्षकारगणो के भोलेपन तथा चार पैसे की उम्मीद का फायदा उठाने की नियत से मेरे पक्षकारगणो के भरोसे का उपयोग कर बालाघाट एवं अन्य जगहो की आम जनता से पैसा इकट्ठा कर करोड़ो रूपये से पैसा इकट्ठा कर, फर्जी कंपनी भाग गयी।वर्तमान में कंपनी के मुख्य सरगना जेल मे है उन्हे माननीय उच्च न्यायालय से बिना पैसा जमा किये कोई राहत नहीं मिली ऐसी स्थिति मे मेरे 24 पक्षकारो को इस बात की आशंका एवं सम्भावना है कि बालाघाट पुलिस फर्जी तरीके से बेगुनाह 24 लोगो को पैसे के गबन के आरोप मे तथा मेरे कुछ पक्षकारो द्वारा दिये गये चेक के एवज में झूठा एवं मुकदमा बनाकर उनको जेल भेज सकते है या फर्जी मुकदमे की धमकी देकर पैसे की मांग कर सकते है।उन्होंने नोटिस मे इस बात का भी उल्लेख करते हुए उनके जानमाल की हिफाजत किए जाने की बात दर्ज की है।

पुलिस या आम जनता द्वारा की जाने वाली शिकायत शून्य समझी जाए
नोटिस में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि मेरे पक्षकार गण जिनके द्वारा मेरे माध्यम से नोटिस सभी जगह दिया गया। उन्होने अपने पक्ष को कानूनी माध्यम से यह नोटिस पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया इसके बाद यदि भविष्य में नोटिस प्राप्ति के पश्चात भी पक्षकार के उपर कोई भी कानूनी कार्यवाही चाहे वह पुलिस के द्वारा की जाए या आम जनता के द्वारा की जाए ऐसी स्थिति ऐसी कार्यवाही शून्य समझी जाएगी। अधिवक्ता बसंत पांडे द्वारा भेजे गए इस नोटिस में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि यदि नोटिस के बावजूद भी भूल से भी कोई कार्यवाही उनके पक्षकारों पर की जाती है तो तुझे कार्यवाही करने वाले के विरुद्ध नोटिस को आधार बनाकर उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण डालेंगे जिसकी समस्त खर्चे के जिम्मेदार संबंधित लोग रहेंगे।जारी नोटिस आपको आगाह किया जाता है।नोटिस प्राप्ति के पश्चात मेरे मासूम 24 पक्षकारो के विरूद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही चाहे वह पुलिस के द्वारा हो या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा ऐसी कार्यवाही के पूर्व नोटिस में की गई बातोपर अमल कर मेरे पक्षकारो की एवं उसके परिवार एवं सम्पत्ति की सुरक्षा प्रदान किए जाने की दया करे यदि आप लोगो के कारण मेरे किसी भी पक्षकार को कोई भी दिक्कत मृत्यु या कुछ भी है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी आप लोगो की रहेगी।

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