बाघ के शिकारियों को मिली जमानत वन विभाग की लापरवाही उजागर

0

वन विभाग द्वारा वन्यप्राणी बाघ का शिकार करने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध 60 दिन के भीतर अभियोग पत्र पेश नहीं करने के विद्वान अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें जमानत पर छोड़ दिए। बाघ के शिकार जैसे मामले में इस प्रकार विभाग की कार्यप्रणाली के प्रति नगर सहित क्षेत्र वासियो में आक्रोश व्याप्त है। जिनके द्वारा संबंधित लापरवाह अधिकारी पर कार्यवाही करने की मांग वन्य प्राणी प्रेमियों के द्वारा की जा रही है। जिसमे देखना है कि वन विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा किस प्रकार आगे कर्यवाही की जाती है।

यह है मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सावंगी के तुमडीटोला के पीछे से बहने वाली चंदन नदी मैं 17 मार्च को दो से ढाई वर्ष के नर बाघ का छत विछत शव ग्रामीणों के द्वारा देखा गया। जिसकी जानकारी लगते ही तत्काल वन विभाग के द्वारा सतर्कता से बाघ के छत विछत शव को सुरक्षित नदी में रखा गया जहां वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण कर डाक स्कॉयड के द्वारा जांच की गई तो वहीं वन विभाग के वाइल्डलाइफ डॉक्टर की टीम के द्वारा मृत बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया गया। जिन्होंने बाघ की करंट लगाकर मृत्यु होना बताया ऐसे में करंट लगाकर नदी में फेंकना जो शिकार की संज्ञा में आ गया जिस पर वन विभाग के द्वारा अपराध दर्ज कर अज्ञात आरोपी की पताशाजी तेज कर दी गई। इसके बाद वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स के द्वारा भी मामले में जांच की गई परंतु वन विभाग के हाथ खाली ही थे। ऐसे में राष्ट्रीय पशु की इतनी दुर्दशा देख वन विभाग शांत नहीं रहा उन्होंने गोपनीय तरीके से ग्राम की चाय पान की दुकान व अन्य स्थानों पर पूछता जारी रखी जिसके माध्यम से कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। जिसमें संदिग्ध व्यक्तियों के पीछे मुखबिर तंत्र लगा दिया गया इस प्रकार वन विकास निगम एवं दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र वारासिवनी के द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही कर दो महीने की कड़ी मशक्कत के बाद 17 मई को बाघ के शिकार में संलिप्त 06 आरोपी में लेखचंद उर्फ अब्बास पिता रज्जनलाल बिसेन उम्र 53 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी छन्नूलाल पिता फकीरचंद मात्रे उम्र 38 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी रमेश पिता पेंढारी पंजरे उम्र 42 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी राजकुमार पिता चेतनलाल हरदे उम्र 35 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी महेश पिता मोहनलाल बिसेन उम्र 38 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी बसंत पिता श्यामजी पंचेश्वर उम्र 42 वर्ष निवासी बोदलकसा थाना वारासिवनी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथा संशोधित वन्य जीव (संरक्षण) संशोधिन अधिनियम, 2022 की धारा 2. 9 39,44,48ए, 49बी, 50, 51, एवं 52 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था जहां से न्यायालय ने जेल भेज दिया था।

यह है नियम

धारा 167 सीआरपीसी के तहत 10 साल से कम सजा में 60 दिन 10 साल से अधिक सजा में 90 दिन के अंदर परिवाद चालान प्रस्तुत करना होता है। ऐसे में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39 उक्त प्रकरण में विवेचना की गई जिनके विषय में दंड धारा 51 में तदनुसार उक्त प्रकरण सीआरपीसी की धारा 167 (1) (क) (¡¡) की श्रेणी में आकर 60 दिनों के भीतर अभियोग पत्र परिवाद पेश होना था। जबकि उक्त प्रकरण में मजिस्ट्रेट न्यायालय के द्वारा पूर्व में जमानत खारिज की गई थी जिसके बाद सूत्रों के अनुसार कुछ आरोपियों ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी जहां पर सुनवाई होना था किंतु विवेचना अधिकारी के द्वारा नियत अवधी 60 दिवस के भीतर परिवाद पेश न करने से आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत दी है।

राष्ट्रीय पशु टाइगर की दुर्दशा पर उठ रहे सवाल

बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है और यह मध्य प्रदेश की शान भी है जिसके कारण हमारा मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट कहलाता है। बालाघाट जिला टाइगर के लिए मशहूर है ऐसे में एक टाइगर का कुछ लोगों के द्वारा करंट लगाकर शिकार कर लिया जाता है और उसे नदी में सड़ने के लिए फेंक दिया जाता है जिसका सड़ा गला शव वन विभाग के द्वारा बरामद किया जाता है। उक्त स्थिति में बाघ की दुर्दशा देखी जा सकती थी ऐसे मामले में प्रदेश स्तर से अधिकारियों के निर्देश टास्क फोर्स के द्वारा किए गए कार्य एवं स्थानीय वन विभाग के द्वारा गंभीरता से कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय ने जेल भेज था। किंतु परिवाद अभियोग पत्र या चालान नियत अवधि में वन विभाग के द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया जो जांच अधिकारी एवं विभाग की लापरवाही को उजागर करता है कि ऐसा जांच अधिकारी टाईगर के शिकार जैसे मामले में ऐसा कैसे कर सकता है।

इनका कहना है

न्यायालय के द्वारा हमें 25 जुलाई तक ज्यूडिशियल रिमांड दी गई है इसके पहले ही हमारे द्वारा चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जायेगा। जिसके लिए हमारे द्वारा तैयारी कर ली गई है।

बीआर सिरसाम एसडीओ कटंगी वनविभाग दक्षिण सामान्य

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here