बालाघाट : दलित आदिवासी गैंगरेप हत्या का केस रिओपन !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। लांजी और बहेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2011 और वर्ष 2017 में दलित और आदिवासी युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उनकी हत्या किए जाने वाले मामले में, कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था अब यह केस सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पुन: रिओपन हो गया है। जहां सुप्रीम कोर्ट ने लांजी पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए इन दोनों मामलों सहित एक अन्य मामलों की जांच के लिए एक आयोग जांच समिति का गठन किया है। जहां सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस केस को रिओपन करने के निर्देश दिए गए हैं इन मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जिला सत्र न्यायालय के विशेष न्यायधीश राजाराम भारती को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया है जो इन मामलों की जांच करेंगे।केश रिओपन होते ही शनिवार को लांजी पूर्व विधायक किशोर समरीते बालाघाट जिला सत्र न्यायालय पहुंचे जहां उन्होंने इन तीनों मामलों की पुन: जांच के लिए अपनी गवाही देकर मामलों से जुड़े तमाम दस्तावेज कोर्ट में जमा किए। मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान श्री समरीते ने केश रिओपन होने पर खुशी जताते हुए आदिवासी दलित युवतियों के परिजनों को इंसाफ मिलने की बात कही है वहीं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद किसी मामले में जांच समिति का गठन करने वाले इस मामले को जिला का पहला मामला बताया है।
इन मामलों की पुन: शुरू हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद रिओपन हुए मामलों की सुनवाई पुन: शुरू हो गई है जिसमें लांजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम परसवाड़ा,बहेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरडी और लांजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम मिरिया के मामलों की सुनवाई की जा रही है।
केस नबर 1 –

जानकारी के अनुसार लांजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम परसवाड़ा में 8 मई 2017 को स्थानीय निवासी प्रियंका पिता धनराज उके के साथ कुछ आरोपियों ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया था जहां गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर आरोपियों ने प्रियंका को उसके घर के पीछे जिंदा जला दिया था जिसकी जांच में पुलिस ने प्रियंका के भाई को ही आरोपी बनाकर प्रकरण न्यायालय में पेश किया था पूर्व विधायक श्री समरिते के अनुसार इस मामले में पुलिस ने ठीक से जांच नहीं की वहीं सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या में शामिल सभी आरोपी सजा से बच गए जिससे इस मामले में इंसाफ नहीं हो पाया जिसको लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
केस न΄बर 2-

दूसरा मामला बहेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरडी का है जहां 14 से 16 जनवरी 2011 के बीच कुछ आरोपियों ने स्थानीय निवासी रेखा पिता राजकुमार रामटेके के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर रेखा के दोनों स्तन काट दिए थे,वही उसका गला रेतकर उसके गुप्तांग में लोहे की राड और लकड़ी डाल दी थी इस मामले में पुलिस ने 18 जनवरी 2011 को प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच की थी जिसमें पुलिस ने वारदात में शामिल कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था जहां मामले की सुनवाई में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में लिप्त सभी आरोपियों को बरी कर दिया था ।इस मामले की जांच पर भी आपत्ति उठाते हुए पूर्व विधायक किशोर समरिते ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जहा पूर्व विधायक किशोर समरिते ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की पुन: जांच के लिए केस रिओपन करने की मांग की थी।
केस न΄बर 3-

तीसरा मामला बहेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम मिरीया का है जहां स्थानीय निवासी अनिराम चौहान के पुत्र मंगल सिंह चौहान की लाश उसी के खेत में एक इमली के पेड़ पर फांसी पर लटकी हुई मिली थी। इस मामले में पुलिस ने 4 अक्टूबर 2020 को मामला दर्ज किया था जहां मृतक के परिजनों ने मंगल सिंह चौहान की हत्या कर उसकी लाश फांसी पर लटकाए जाने का आरोप लगाया था इस मामले में अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है जिस पर आपत्ति जताते हुए पूर्व विधायक श्री  समरिते ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी इन सभी मामलों का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों केसों को रिओपन करने और मामलों की पुन: जांच करने के आदेश दिए हैं।
निश्चित ही आरोपियों को फांसी की सजा होगी- किशोर समरिते
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान लांजी पूर्व विधायक किशोर समरिते ने बताया कि कुछ केस को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी जहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन पर इन मामलों में जांच कमीशन बैठा हैं इन सभी मामलों में पुलिस ने बारीकी से जांच नहीं की, ठीक तरीके से एविडेंस कोर्ट में पेश नहीं किए जिसके चलते मामले से जुड़े सभी आरोपी बरी हो गए यह सभी चीजें जांच का विषय है मामला अतिगोपनीय है कोर्ट में ठीक से सबूत पेश न करने पर आरोपियों को बरी कर दिया गया बल्कि एक मामले में तो लडक़ी के भाई को ही आरोपी बना दिया गया जोकि गलत है अब यह केस रिओपन हो गया है जिसकी जांच की जाएगी और जब इन केस का फैसला आएगा तो निश्चित ही इन मामलों में लिप्त सभी आरोपियों को फांसी की सजा होगी ।

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