मध्यप्रदेश शासन द्वारा बालाघाट-सिवनी राज्य मार्ग पर एक बार फिर टोल टैक्स की वसूली शुरू किए जाने का आदेश दिया गया, इस विरोध में 11 अगस्त को विभिन्न संगठनों और राहगीरों ने इस टोल टैक्स वसूली का खुलकर विरोध किया। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम किया गया तो वही ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और टोल कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई इस विरोध को राइस मिल एसोसिएशन ने भी खुलकर समर्थन दिया।
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा गर्रा टोल बूथ के सामने प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम किया गया। मध्यप्रदेश में काबिज शिवराज सरकार की जमकर आलोचना की।
कांग्रेस पार्टी के विरोध को देखते हुए गर्रा टोल बूथ पर भारी संख्या में पुलिस बल, सीएसपी तहसीलदार सहित बालाघाट वारासिवनी और लालबर्रा थाने का पुलिस अमला तैनात रहा।
कांग्रेस पार्टी द्वारा किए जा रहे टोल टैक्स के विरोध का राहगीरों ने भी खुलकर समर्थन किया और सड़क के हालात को देखते हुए टोल टैक्स ना ले जाने की मांग की।
कांग्रेसियों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस पदधिकारी कार्यकर्ताओं ने संबोधित करते हुए टोल नाकों में की जा रही टोल टैक्स वसूली को पूरी तरह अवैध करार दिया और इस टैक्स को उन्होंने सरकार द्वारा लिए जाने वाले गुंडा टैक्स की संज्ञा दी। कांग्रेसियों ने कहा कि सड़क बनने की स्थिति में टोल टैक्स लिया जाता है पूर्व में जब सड़क बनी थी तब 15 वर्ष तक टोल टैक्स वसूला गया। उसके बाद सड़क ही नहीं बनाई गई तो टोल टैक्स वसूलना ही नहीं चाहिए।
टोल टैक्स वसूली को लेकर किए गए इस विरोध प्रदर्शन को राइस मिल एसोसिएशन और बालाघाट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का भी समर्थन मिला।
बालाघाट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी ग्राम गर्रा में बने टोल टैक्स नाके पर पहुंचे जहां उन्होंने बालाघाट से वारासिवनी की ओर ग्राम गर्रा में जाने वाले वाहनों पर टोल टैक्स वसूले जाने को लेकर जमकर आक्रोश व्यक्त किया। इसी दौरान टोल टैक्स नाके में कार्यरत कर्मचारी को ट्रांसपोर्ट व्यवसायियो द्वारा नाके से बाहर कर दिए जाने पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई, जिसे धरना कार्यक्रम में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा पहुंचकर समझाइश देते हुए मामले को शांत कराया गया।