बालाघाट : मनरेगा कार्य की नहीं मिली मजदूरी !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज़)। एक और मध्यप्रदेश शासन और स्थानीय प्रशासन जहां मनरेगा के कार्य देने में बालाघाट जिले को नंबर वन बता रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिले के विभिन्न गांवों में ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए मनरेगा कार्यो में मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। जहां मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूर मजदूरी के भुगतान के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां जनपद पंचायत कटंगी के अंर्तगत आने वाली ग्राम पंचायत टेकाडी के चिरचिरा गांव से आए मजदूरों व पंचायत भृत्य ने ग्राम पंचायत के सचिव व रोजगार सहायक पर मनरेगा कार्यों का भुगतान ना करने का आरोप लगाया। मजदूरों ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत में तालाब निर्माण ,मेढ़ बंधन सहित विभिन्न प्रकार कार्य किए थे जिसका भुगतान उन्हें लगभग 1 वर्षों से नहीं मिला है।मजदूर तारनबाई उके, गायत्री मड़ावी, देवलाबाई वरकड़े, झनकलाल वरकड़े, मीराबाई उके, अजय उके, संजय उके, उदल उके, बिरनबाई, बेनीराम उके, विजय उके, पुस्तकला खंडाते, बंशीलाल इनवाते, फागुलाल, झाडुलाल खंडाते और नल योजना में कार्यरत एवं भृत्य खिलेन्द्र ठाकरे सहित कई ऐसे मजदूर है, जो निर्माण कार्यो में कार्य करने के साल बीत जाने के बाद भी मजदूरी नहीं मिलने से वंचित है। जिन्होंने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर उन्हें मजदूरी का भुगतान कराए जाने की मांग की है।
करीब एक सैकड़ा मजदूरों को नही़ मिली मजदूरी
जिले में मनरेगा के कार्यो को लेकर प्रशासन द्वारा बीते समय खूब सुर्खियां बटोरी गई और वाहवाही करवाई गई, मजदूरों को काम दिलाने के नाम पर हासिल की गई इस वाहवाही का शर्मनाक पहलु यह भी है कि काम करने वाले मजदूरो को उनके कार्यो का भुगतान नहीं मिला। आलम यह है कि मजदूर अपने कार्यो की मजदूरी पाने दर-दर भटक रहे है, ग्राम पंचायत टेकाड़ी के अंतर्गत भजियापार और चिरचिरा का भी कुछ ऐसा ही आलम है, जहां के सैकड़ा भर से ज्यादा मजदूरों को एक साल से पंचायत में मनरेगा मद से कराये गये तालाब निर्माण, मशानघाट और मीनाक्षी तालाब निर्माण कार्यो में लगे महिला, पुरूष मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है। मजदूरी नहीं मिलने से परेशान ग्रामीण मजदूर, सचिव और रोजगार सहायक के पास जाते है तो दोनो ही जो बनता है कर लो, जैसी बात कहकर धमकी देते है। जिससे मजदूर परेशान है, मजदूरों का कहना है कि मजदूरी नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पंचायत वाले पेमेंट के लिए झुला रहे हैं-कृष्णा बाई मरकाम
ज्ञापन के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान मजदूर कृष्णा बाई मरकाम ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत तालाब, मसानघाट ,टोला के तालाब सहित अन्य जगहों यह तो 190 प्रतिदिन के हिसाब से पर 35 दिनों तक कार्य किया था जिसका भुगतान उन्हें आज दिनांक तक नहीं किया गया है कई बार जाकर पंचायत में गुहार लगा चुके हैं लेकिन पंचायत वाले उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं जब भी पेमेंट के लिए जाओ तो जल्द आ जाएगा कहकर उन्हें भगा दिया जाता है अब पंचायत वाले बोल रहे हैं कि तुमसे जैसा बनता है वैसा कर लो जब पेमेंट आएगा हम तभी पेमेंट देंगे, पेमेंट ना मिलने से हमें आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।वही हमारे कई कार्य अटके हुए हैं।
पेमेंट मांगने जाओ तो डंडा लेकर मारने दौड़ते है-भृत्य खिलेंद्र ठाकरे
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पंचायत के भृत्य खिलेंद्र ठाकरे ने बताया कि वे पंचायत में चौकीदार हैं वृक्षारोपण सहित अन्य कार्य करते हैं। भृत्य का काम भी सम्भालते है।चिरचिरा और टेकाडी एक ही पंचायत है जहां लगभग 100 से अधिक मजदूरों को आज तक मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है मजदूरों ने मीनाक्षी तालाब, मेढ बंधन, मसान घाट सहित अन्य जगहों पर काम किया था मनरेगा के तहत किए गए इस कार्य को साल बीत गया है लेकिन अब तक कई मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है पिछले कोरोना काल के समय उन्हें एक लेबर देकर प्रवासियो के लिए खाना बनाने के लिए कहा गया था जिसका भुगतान पंचायत द्वारा अलग से किए जाने का आश्वासन दिया था लेकिन उस कार्य का भी भुगतान उन्हें आज दिनांक तक नहीं किया गया है रोजगार सहायक और सचिव पेमेंट मांगने जाओ तो डंडा लेकर मारने के लिए दौड़ते हैं वही गाली गलोज करते रहते हैं उन्होंने बताया कि उनका स्वयं 45 दिन का पेमेंट अटका हुआ है जो आज तक पंचायत द्वारा नहीं दिया गया है वहीं ऐसे कोई मजदूर हैं जिन्हें अब तक मनरेगा के तहत किए गए कार्यों की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है जिससे सभी लोग परेशान हैं।

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