बिना तपे ही विदा हुआ नवतपा, 40 के नीचे ही रहा पारा

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UMA SHANKER MISHRA

इस बार का नवतपा बिना तपे ही विदा हो गया। बुधवार को आखिरी दिन जरुर तमतमाए सूरज ने तपाने की भरपूर कोशिश की। सुबह से दोपहर तक चिलचिलाती धूप ने नवतपे का आभाष भी कराया। सूरज की तपन और गर्म हवाओं ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए। लेकिन दोपहर बाद सूरज पर बादलों का साया गहरा गया। दोपहर से शाम तक सूरज और बादलों के बीच लुका छिपी का खेल चलता रहा। हुआ ये कि नवतपा बिना तपाए ही विदा हो गया। खास बात यह रही कि नवतपा में अधिकतम पारा जहां औसतन 42 से 45 डिग्री तक पहुंचा जाता था वहीं इस बार नवतपा के नौ दिनों में पारा 40 डिग्री को भी नहीं छू पाया।

आखिरी दिन 38 में हांफा पारा: नौतपा के आखिरी दिन भी अधिकतक पारा 38 डिग्री तक पहुंचकर हांफ गया। बुधवार को जिस तरह सूरज के तेवर तेज थे। गर्म हवाएं चल रही थी उसे देखते हुए लगा कि पारा 42 डिग्री तक पहुंच जाएगा। लेकिन अरब सागर में बने सिस्टम व उत्तर पश्चिम मध्यप्रदेश में बने ऊपरी चक्रवात के असर से बादल छाने लगे। धूप की तपन कम हुई और अधिकतम पारा 38 .6 पर ही ठिठक गया। न्यूनतम पारा भी 26.6 पर स्थिर रहा।

बारिश के आसार: मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में जबलपुर सहित संभाग के कटनी, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सतना, रीवा, अनूपपुर, सागर सहित अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने और तेज हवा चलने की संभावना व्यक्त की है।

नौतपा पर पहले टाक्टे फिर यास की धंसी फांस : नवतपा में पारा उड़ान भरने की कोशिश में तो लगा रहा। लेकिन पहले चक्रवाती तूफान टाक्टे ने पारे की उड़ान पर पानी फेर दिया तो बाद में यास की फांस में पारा उलझ गया। मई का आधा महीना बादल, पानी में ही गुजर गया। नौतपा की तपाने की बारी आई तो मानसूनी दस्तक के बीच अरब सागर में बने सिस्टम व उत्तर पश्चिम में बने कम दबाव के क्षेत्र ने बादलों का पहरा बिठा दिया। पारा 37 से 39 डिग्री के बीच ही सिमटा रहा।

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