जिले के वारासिवनी में 3 दिन पहले दुर्ग पुलिस ने ऑनलाइन सट्टे के खेल में लिप्त 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन दुर्ग पुलिस की इस कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वारासिवनी पुलिस की मानें तो दुर्ग पुलिस ने बालाघाट पुलिस अधीक्षक और वारासिवनी थाने में बिना कोई सूचना दिए आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दूसरे राज्य की पुलिस द्वारा बालाघाट से आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार करने बाद वारासिवनी क्षेत्र में ऑनलाइन सट्टा संचालित होने की चर्चा भी तेज हो गई है, लेकिन वारासिवनी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान का कहना है कि दुर्ग पुलिस की कार्रवाई में गिरफ्तार आरोपी वारासिवनी में छिपे थे। आरोपी दुर्ग में ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे न कि वारासिवनी में। दुर्ग पुलिस ने अन्य आरोपियों की नशानदेही पर वारासिवनी आकर आरोपियों को पकड़ा है।
थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान का कहना है कि दुर्ग पुलिस की इस कार्रवाई की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया से मिली थी। पुलिस सूत्र के अनुसार, पुलिस को वारासिवनी में सट्टा खिलाने की सूचना की पड़ताल और पूछताछ के बाद मालूम हुआ कि इमरान उर्फ शानू नामक एक व्यक्ति ने हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास पान की दुकान चलाने वाले अपने एक रिश्तेदार से 21 दिसंबर 2022 को किराए का कमरा दिलाने की बात कही थी। उस व्यक्ति ने हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में 3 हजार में एक कमरा दिला दिया। बताया गया कि किराए का यह कमरा वारासिवनी थाने के तत्कालीन उप निरीक्षक का था। इसके बाद इमरान ने अपने अन्य साथियों को वारासिवनी बुला लिया। कुल 6 आरोपी लगभग 8 दिन से इस कमरे में रह रहे थे, जिनकी सूचना दुर्ग पुलिस को मिलते ही वह वारासिवनी पहुंची और उन्हें गिरफ्तार किया। वहीं इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकार वार्ता में बताया कि दुर्ग की टीम ने कुछ दिन पहले ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर वारासिवनी में छिपे आरोपियों को पकड़ा है, लेकिन उन्हें दुर्ग पुलिस की कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली थी। अगर उन्हें इनपुट मिलते तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करते।