हॉकी वर्ल्ड कप 2023 में शुक्रवार को बिरसा मुंडा स्टेडियम में भारत ने स्पेन को 2-0 से हराकर विजयी शुरुआत की। मैच के 12वें ही मिनट में भारत ने गोल मारा। यह गोल लोकल बॉय अमित रोहिदास ने दागा था। जिन्होंने राउरकला के पानपोष स्थित हॉकी अकादमी से ही खेल की बारीकियां सीखीं। इसी अकादमी से हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की भी निकले हैं।
ओडिसा में जारी हॉकी वर्ल्ड कप के दौरान भास्कर ने अमित के भाई निरंजन रोहिदास से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अमित पहले गोलकीपिंग करता था। लेकिन, बाद में वह डिफेंस में खेलने लगा। उसके खेल के लिए पैसे जुटाने के लिए मम्मी-पापा को मजदूरी करनी पड़ी थी।
आगे खबर में हम टीम इंडिया के उप कप्तान अमित रोहिदास के पानपोष गांव की गलियों से राउरकेला स्टेडियम में वर्ल्ड कप गोल दागने तक के सफर को जानेंगे।
‘अमित को गोलकीपिंग पसंद नहीं थी’
निरंजन ने बताया कि वह खुद भी हॉकी खेलते थे। उन्हें देखकर अमित भी हॉकी खेलने लगा। अमित जब बचपन में हॉकी खेलता था तो बाकी बच्चे उससे गोलकीपिंग कराते थे। अमित को गोलकीपिंग पसंद नहीं थी। उसे तो हॉकी खेलने का मन था। इसलिए वह गोलकीपिंग कर बच्चों के साथ मैच खेल लिया करता था।
2004 में हुआ सिलेक्शन
अमित का खेल देख 2004 में पानपोष स्थित हॉकी अकादमी के हॉस्टल में उनका सिलेक्शन हो गया। कोच ने अमित की प्रतिभा देख उससे गोलकीपिंग छुड़ाई और उसे डिफेंस में खिलाना शुरू किया। कोच के इस फैसले ने टीम इंडिया एक मजबूत डिफेंडर और जरूरत पड़ने पर मिडफील्ड और फॉरवर्ड में खेलने वाला प्लेयर दिया।
मम्मी-पापा को करनी पड़ी मजदूरी
निरंजन ने बताया, ‘मम्मी-पापा ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। लेकिन, वे चाहते थे कि हम सब आगे बढ़े। हम 2 भाई और 5 बहनें हैं। हमें किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसीलिए वे दोनों मजदूरी करने को मजबूर थे। उन्होंने कभी भी खाने-पीने की कमी नहीं होने दी। हमें आगे बढ़ाने के लिए दोनों ने काफी संघर्ष किया।’
अकादमी ने दी फैसिलिटी
दोनों भाइयों के पास हॉकी स्टिक नहीं होती थीं। कई बार दूसरे खिलाड़ी जो हॉकी फेंक देते थे, वे उनसे ही प्रैक्टिस किया करते थे। खेलने के लिए जूते तक नहीं होते थे। पानपोष हॉकी अकादमी में सिलेक्ट होने के बाद हॉकी से जुड़ीं सभी तरह की जरूरतें पूरी होने लगीं। प्रोपर डाइट और ट्रेनिंग के साथ वहां सभी तरह की सुविधाएं मिलने लगीं।
पापा नहीं रहे, मां ने देखा मैच
निरंजन ने बताया कि 2022 में उनके पिता की किडनी खराब होने के कारण मौत हो गई। मां अब भी उनके साथ हैं। शुक्रवार को मां ने अपने रिश्तेदारों के साथ अमित का मैच देखा।