बैगा आदिवासियों को नही मिल रहा योजना का लाभ

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सरकारी योजना का अंतिम छोर पर बसे कितने लोगों को कितना लाभ मिलता इस बात की जानकारी दर्जनों बार मिलते रहती है, बावजूद इसके जिले के जिम्मेदार ध्यान नही देते जिससे ग्रामीणों के हालता सुधर नही रहे। कुछ इस तरह के हाल जिले के दक्षिण बैहर के गुराखारी  गांव में देखने को मिला जहां ग्रामीणों ने योजना में शामिल करने के लिए सरपंच सचिव पर पैसों की मांग किए जाने का आरोप लगाया है।
वही पैसे देने के बाद भी उनके मकान अधूरे होने की बात कही है।

राहत सामग्री बाटी पहुंची टीम को बताई आपबीती यह मामला उस वक्त सामने आया जब ट्राइबल कोविड टीम बालाघाट  जिले के दूर अंचल क्षेत्रों में राहत सामग्री बांटने पहुंची जहा टीम के सदस्यों ने ग्राम गुराखारी, शेरपार, नेवरगाव, आरामटोला, गुदमा, भरदा, बम्हनी, शैला, करेली,खापा,और घाना सहित अन्य ग्रामो में निवासरत बैगा,गोंड जाती के लोगो को राहत सामग्री दी गई। वही बैगा आदिवासी उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने पर ग्रामीणों ने टीम को अपनी आप बीती सुनाते हुए उन्हें उनकी इस समस्या से निजात दिलाने को कहा।

चर्चा के दौरान परमिला मेरावी ने बताया ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था जिसे सरपंच सचिव द्वारा बनाया जा रहा था जहां सरपंच सचिव ने उनके खाते में आए पूरे पैसे निकाल लिए लेकिन फ्लोरिंग प्लास्टर उनके मकान का नहीं हो पाया है और मकान अभी अधूरा है।

कुसन सिंह मेरावी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान आधा अधूरा बना है जो पैसा उनके खाते में आए थे उसे सरपंच सचिव द्वारा निकाल लिया गया है वही मकान बनाने के लिए उन्होंने स्वयं का पैसा लगाना पड़ा।

नानी बाई ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कई बार आवेदन किया है लेकिन उनका नाम अब तक इस योजना में नहीं आया है और ना ही उनके नाम के लिस्ट बन पाई है गांव के सचिव योजना में शामिल करने के लिए उनसे 5 हजार रु की मांग कर रहे हैं।

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