नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में २ सितंबर को पोला पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर किसानों के द्वारा अपने अपने बैलों को सजाया गया, उन्हें अलग-अलग रंगों से रंगाया गया। साथ ही सीगों में बेगड़, पेंट लगाकर विशेष वनस्पति की तोरन बांधी गई व नये दांवन के साथ उन्हें ग्राम के मुख्यचौक-चौराहों पर इक_ा कर अपनी-अपनी बैल जोडियों को ग्राम के प्रमुख रास्तों में दौड़ाकर पोला पाटन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में नगर मुख्यालय में स्थित खिल्या मुठया स्थल, अमोली के मंदिर चौक, घोटी स्कूल चौक, बेहरई चौक में भी समस्त किसान बैलों को लेकर पहुंचे। जिसके पश्चात परंपरानुसार बांधी गई तोरन के नीचे गांव के बुजुर्गों के द्वारा पांच झड़तियां बोली गई तत्पश्चात बैलों को गांव भर घुमाया गया। इस दौरान लोगों के द्वारा बैलों की पूजा कर पकवान का भोग लगाया गया जिसके बाद एक दूसरे को चांवल का तिलक लगाकर पोला पर्व की बधाई दी गई। यह पोला-पाटन का पर्व कृषि कार्य के समाप्त होने के बाद पोला एक विशेष पर्व है जो हरियाली का प्रतीक है। स्थाई पटेल, वरिष्ठ कांग्रेसी अनिल शर्मा ने बताया कि यह पोला पर्व विशेष रूप से किसानों व उनके पशुओं का पर्व है जो कृषि कार्य होने के बाद मनाया जाता है और यह एक विशेष पर्व है जो हरियाली का प्रतीक है। साथ ही यह भी बताया कि पोला पर्व पर किसानों के द्वारा बैलों को सजाकर व्यंजन बनाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है क्योंकि बैलों से खेतों में जुताई होती है। उससे फसल का उत्पादन होता है और पोला का पर्व किसानों के द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाकर खुशियां मनाई जाती है एवं इस पोला-पाटन पर्व के अवसर पर ईश्वर से प्रार्थना करते है कि सभी के जीवन में खुशहाली बनाये रखे।
जाम में कृषकों ने धूमधाम से मनाया पोला पर्व
नगर मुख्यालय से लगभग १२ किमी. दूर ग्राम पंचायत जाम में कृषकों के द्वारा परंपरानुसार बैलों को सजाकर २ सितंबर को पोला पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर किसानों के द्वारा बैलों को अलग-अलग रंगों से रंगाया गया। साथ ही सीगों में बेगड़, पेंट लगाकर विशेष वनस्पति की तोरन बांधी गई व नये दांवन के साथ उन्हें शासकीय उमावि. जाम के खेल मैदान में एकत्रित किया गया जहां पर ढोल-बाजे की धुन पर कृषकों ने एक दूसरे को तिलक लगाकर अभिनंदन किया एवं बैलों की पूजा की गई तत्पश्चात वरिष्ठ कृषकों के द्वारा झड़तियां बोलकर बैलों को दौड़ाया गया। इस अवसर पर ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
आज जलेगा मारबत का पुतला
पारम्परिक पोला पर्व के दूसरे दिन मारबत (नारबोद) पर्व नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है। इसी कड़ी में ३ सितंबर को प्रत्येक ग्रामों में मारबत (पूतना) का पुतला गांव की सरहद के बाहर जलाया जायेगा।