आष्टा। अशासकीय विद्यालय संगठन के अध्यक्ष अनिल नायर के नेतृत्व में 22 फरवरी को संगठन के सदस्य भोलूसिंह ठाकुर, विनीत त्रिवेदी, सर्वेश उपाध्याय, शैलेंद्र ठाकुर, दिव्यांश सोलंकी, रामनरेश यादव, कमलसिंह मकवाणा सहित अन्य स्कूलों के प्रमुखों द्वारा एसडीएम विजय कुमार मंडलोई को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें वर्ष 2020-21 की आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए जिन केंद्रों का निर्धारण किया जाने वाला है, उन केंद्रों का निर्धारण किए जाने के पूर्व, कुछ केंद्रों पर पूर्व में घटी मारपीट, फर्जी परीक्षार्थी द्वारा परीक्षा में शामिल होने व नकल की घटनाओं को भी सामने रखा जाकर ही नए परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग की गई है।
सौंपे गए ज्ञापन में अशासकीय विद्यालय संगठन ने बताया कि जिन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर प्रस्ताव भेजे गए हैं, उसमें कुछ विद्यालयों ने अपने हिसाब से संबंधित उन्हीं परीक्षा केंद्र के प्रस्ताव भिजवाए हैं, जो पूर्व में घटी घटनाओं के कारण शासन, प्रशासन, शिक्षा विभाग की बदनामी के कारण बने थे। इस वर्ष जिन परीक्षा केंद्रों के प्रस्ताव भेजे गए हैं। ज्ञापन में मांग की है कि वर्ष 2019 में जिस एक केंद्र अध्यक्ष व उसके सहायक केंद्र अध्यक्ष के साथ मारपीट की घटना घटी उस घटना को भी व अन्य परीक्षा केंद्रों पर जो कुछ घटा उसे भी सामने रखा जाना चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है की खाचरोद के स्कूलों का परीक्षा केंद्र शासकीय स्कूल रोलागांव को परीक्षा केंद्र बनाया जाता है, इस बार भी भेजे प्रस्ताव में वो शामिल है, ऐसी जानकारी है। उक्त रोलागांव का स्कूल जो कि खाचरोद से 11 किलोमीटर दूर इंटीरियल में है, जबकि खाचरोद से 2 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मार्ग पर खामखेड़ा जत्रा व उससे आगे 6 किलोमीटर की दूरी पर लसूड़िया विजय सिंह का स्कूल है। सुविधाजनक उक्त दोनों स्कूलों को परीक्षा केंद्र ना बनाकर रोलागांव को परीक्षा केंद्र बनाया जाना विचारणीय प्रश्न खड़े करता है। वहीं आष्टा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के परीक्षा केंद्र जिनमे ग्राम धुराडाकला, खजूरिया कासम, छापर, भंवरा, लोरासकला, निपानिया कला, कजलास आदि,क्या ऐसे केंद्रों को परीक्षा केंद्र बनाया जाना उचित होगा। इसलिए परीक्षा केंद्र बनाए जाने के पहले सभी स्थितियों, परिस्थितियों पर प्रशासन एवं शिक्षा विभाग गहन चिंतन और मनन करें, उसके बाद ही परीक्षा केंद्रों की घोषणा करे तो उचित होगा। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि हमारा मानना है कि परीक्षा केंद्रों का सही निर्धारण करेंगे तो परीक्षा के समय अनुविभाग की छवि धूमिल ना होगी और विद्यार्थी भी बिना भय के परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे।