वॉशिंगटन: ईरान के परमाणु ठिकानों पर अगर अमेरिका हमला करेगा तो वो हिंद महासागर में भारत के से होगा। डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि ईरान अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में शामिल हो। जिसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना, उसके लंबी दूरी की मिसाइलों को बनाने की क्षमता को रोकना और मिडिल ईस्ट में ईरानी प्रॉक्सी संगठनों को खत्म करना है। जाहिर तौर पर ईरान हरगिज ऐसा नहीं चाहता है और इसीलिए ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खेमेनाई ने ट्रंप के बातचीत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। जिसके बाद पेंटागन ने भारत के दक्षिणी सिरे से 1140 मील दक्षिण में डिएगो गार्सिया द्वीप पर अपने एडवांस स्टील्थ बमवर्षक विमान बी-2 को तैनात कर दिए हैं। जिसका मतलब है कि अमेरिका, वाकई ईरान पर हमला करने के लिए गंभीर तौर पर तैयार है।
अमेरिकी सेना उन अभियानों का अभ्यास कर रही है जो उन्होंने अफगानिस्तान से वापसी के बाद से नहीं किए हैं। अमेरिकी सेना मिडिल ईल्ट या फिर पूर्वी एशिया में ईरान और उसके प्रॉक्सी के ठिकानों पर हमला करने के लिए रणनीतिक बमवर्षक बलों की तैनाती के साथ साथ उन्हें आवश्यक रसद पहुंचाने और खुफिया बुनियादी ढांचे, ईंधन भरने वाले विमान, स्पेयर पार्ट्स ले जाने वाले परिवहन विमान और रखरखाव दल, खुफिया इकाइयां और बचाव दल को तैनात कर दिए हैं। यानि, अमेरिका, ईरान पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।