सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) में उपवर्गीकरण की अनुमति दी है। देश के शीर्ष अदालत का कहना है कि इससे आरक्षण का फायदा कुछ जातियों तक सीमित न रहकर इन दोनों वर्ग की कम-कम आबादी वाली जातियों तक पहुंचेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस ऑब्जर्वेशन का विभिन्न दलों ने विरोध किया तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया सुप्रीम कोर्ट की सलाह नहीं मानी जा सकती है क्योंकि संविधान ने आरक्षण की व्यवस्था करते हुए ऐसी बात नहीं कही है। सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण के बावजूद आदिवासी, दलित, पिछड़ों के लिए काम करने वाली संस्थाएं और इन वर्गों की राजनीति करने वाली पार्टियों ने भारत बंद का आह्वान कर दिया।
भारत बंद को किन पार्टियों का समर्थन, देख लीजिए लिस्य
सुप्रीम कोर्ट के 21 अगस्त के फैसले के विरोध में दलित एवं आदिवासी संगठनों का राष्ट्रीय संघ (NACDAOR) की तरफ से बुलाए गए भारत बंद को जिन पार्टियों का समर्थन हासिल है उनमें हैं-
➤ भारत आदिवासी पार्टी
➤ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
➤ समाजवादी पार्टी (एसपी)
➤ आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)
➤ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)
➤ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
➤ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)
➤ भीम आर्मी
भारत बंद का असर
भारत बंद के दौरान हॉस्पिटल, एंबुलेंस जैसी तमाम आपातकालीन सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा जा रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी बंद का असर देखा जा रहा है। बंद के मद्देनजर स्थानीय प्रशासनों ने स्कूलों, दफ्तरों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।