मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे पर कांग्रेस में फिर तनातनी

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। उन्होंने बयान दिया कि चुनाव से पहले हम मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं कर सकते। जो भी होगा, चुनाव परिणाम आने के बाद विधायक दल तय करेगा। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि डा. सिंह बार-बार भूल जाते हैं कि उन्हें विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना। वरिष्ठ हैं, इसलिए हमने स्वीकार कर लिया।

उधर, चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस में फिर शुरू हुई पद की तकरार पर भाजपा ने चुटकी ली है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह तो गुटबाजी की पराकाष्ठा है। कांग्रेसी यह तो मान रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ही उनके नेता हैं, पर मुख्यमंत्री की बात आती है, तो बयानबाजी शुरू हो जाती है।

हमारे नेता कमल नाथ

वर्मा कहते हैं कि जनता की भावना कमल नाथ के साथ हैं और नाथ के नाम पर ही वोट बैंक बढ़ेगा। समाजवादी विचारधारा तो यह है कि अपने लिए जो व्यवहार चाहते हो दूसरे के लिए भी वह व्यवहार करना पड़ेगा। कांग्रेस में सब सहमत हैं कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई चर्चा नहीं होगी। हमारे नेता कमल नाथ हैं और उनके नेतृत्व में ही 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

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