मुआवजे की राह देख रहे क्षतिग्रस्त मकान के हितग्राही

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वारासिवनी तहसील कार्यालय अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में बीते वर्ष बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकान के हितग्राहियों को वर्तमान तक मुआवजा शत प्रतिशत वितरण नहीं किया गया है। तो वही कई ग्रामीणों के मकान की जांच पटवारी के द्वारा भी नहीं की गई है या हितग्राही पटवारी तक नहीं पहुंच पाया है ऐसे में उन्हें अपने टूटे मकान में रहने या झोपड़ी बनाकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वह हितग्राही लगातार ग्राम पंचायत से मकान क्षतिग्रस्त होने का मुआवजा एवं प्रधानमंत्री आवास दिए जाने की मांग कर रहे हैं परंतु शासन के द्वारा उन पर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करते हुए झोपड़ी बनाकर या टूटे हुए मकान में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जबकि 4 महीने बाद फिर बरसात लगने वाली है जिसमें उन्हें तो परेशानी होगी ही और जो मकान थोड़ा बहुत क्षतिग्रस्त है वह पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है। जिनके द्वारा शासन प्रशासन से प्रधानमंत्री आवास देने और मुआवजा उपलब्ध करवाने की मांग की जा रही है।

आवंटन के अभाव में नहीं हुआ भुगतान

यहां यह बताना लाजिमी है कि तहसील कार्यालय वारासिवनी अंतर्गत मकान क्षतिग्रस्त पशु हनी या नैसर्गिक क्षति के 73 मामलों में राशि आवंटित कर दी गई है परंतु करीब 20 हितग्राहियों को शासन स्तर से विभाग को राशि आवंटन न होने से भुगतान नहीं किया गया है। जिनके मामले स्वीकृत होकर पेंडिंग पड़े हुए हैं जिसके लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जा रहा है की प्रकरणों के लिए राशि उपलब्ध कराई जाये। परंतु राशि उपलब्ध न होने के अभाव में भुगतान नहीं किया गया है।

कुछ क्षतिग्रस्त मकानों की नहीं की गई जांच

तहसील कार्यालय वारासिवनी अंतर्गत कुछ ऐसे भी क्षतिग्रस्त मकान है जिनका अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण कर प्रकरण तैयार नहीं किया गया है। जबकि हितग्राहियों के द्वारा मामले की जानकारी पंचायत व पटवारी को दे दी गई है उसके बाद भी पटवारी के द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों की जांच नहीं की गई है। जिसके द्वारा लगातार पंचायत से संपर्क किया जा रहा है और कुछ लोगों के द्वारा तो उम्मीद भी छोड़ दी गई है और उनके द्वारा ना ही तहसील में आवेदन लगाया गया है और ना ही पटवारी को जानकारी दी गई है की क्या होना है और नाही पटवारी या सक्षम अधिकारी के द्वारा उन मामलों में प्रकरण तैयार किया गया है जो राजस्व अमले की ग्रामीण स्तर पर सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।

ग्रामीण सुंदरलाल नेवारे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास में उनका नाम आया था फिर दूसरी लिस्ट में नाम नहीं आया हमारा पुराना मकान गिर गया है पटवारी अभी तक नहीं आया है और ना ही प्रकरण बनाया गया है। जिस कारण शासन से हमें मुआवजा भी नहीं मिला है जबकि इस घटना की जानकारी हमारे द्वारा सभी को दी गई थी जिन्होंने हो जाएगा कहा था पर आज तक कुछ नहीं है। अभी भी हम झोपड़ी में रह रहे हैं कोई अधिकारी नहीं आए हैं हमें मकान की समस्या है झोपड़ी में रह रहे हैं हम चाहते हैं कि हमें मुआवजा मिले और मकान मिले।

ग्रामीण ममता रहांगडाले ने बताया कि हमारा मकान नहीं है जो है वह टूट गया है कोई अधिकारी हमारे यहां नहीं आया और किसी प्रकार का हमें लाभ नहीं मिला है। मकान हमारा अभी बरसात में गिरा है इस बारे में हमने सूचना पंचायत में दिए थे परंतु उसके बाद कुछ नहीं हुआ हम प्रधानमंत्री आवास चाहते हैं और मुआवजा भी चाहते हैं कि हम अच्छे से घर बना सके। परंतु 6 माह बीत गया है ना मुआवजा मिला है ना कोई अधिकारी देखने आया है।

वारा सरपंच सूर्यभान सिंह पुसाम ने बताया कि बारिश में हमारे यहां कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनकी जांच तहसील कार्यालय से नहीं हो पाई मकान अभी भी टूटे हैं जिनकी जांच होना चाहिए। प्रकरण बनाए गए थे किंतु हम चाहते हैं कि हमारे हल्के का फिर निरीक्षण कर पटवारी के द्वारा प्रकरण तैयार किया जाये और सभी को मुआवजा दिलाने का प्रयास हो। अभी बारिश फिर आएगी ऐसे में प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य भी नहीं आया है तो वह जल्दी मिलना चाहिए ताकि हम प्राथमिकता के तौर पर लोगों को आवंटित कर वह अपना घर बना सके।

दीनी सरपंच कोमलचंद लिल्हारे ने बताया कि हमारे पंचायत में बारिश के कारण दो से तीन मकान क्षतिग्रस्त हुए थे जिसमें एक मकान बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हुआ था जिसका आवेदन मुआवजे के लिए हमने तहसील कार्यालय में लगवाए थे पर उसका मुआवजा नहीं मिला है। जबकि ग्रामीण और हमारे सहयोग से उन्हें मदद तो कर दी गई है और प्रधानमंत्री आवास अभी एक वर्ष से बंद है लोग घर तोड़कर झोपड़ी में रह रहे हैं और वह रास्ता देख रहे हैं आवास की।

कासपुर सरपंच फकीरचंद देशमुख ने बताया कि अभी बारिश में मकान हमारी पंचायत में करीब 7 से 8 क्षतिग्रस्त हुए थे उन मकानों की जांच पटवारी के द्वारा करने के बाद मामले में कार्यवाही करते हुए प्रकरण तैयार कर तहसील कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया है। उसमें अभी राशि स्वीकृत नहीं हुई है 5 से 6 माह हो गया हितग्राही मुआवजा का रास्ता देख रहे हैं वह गरीब लोग हैं जिन्हें आर्थिक सहायता जरूरी है और वह यदि मिल जाती है तो उन्हें थोड़ी मदद हो जाएगी।

इनका कहना है

दूरभाष पर चर्चा में बताया कि क्षतिग्रस्त मकानों के जो भी प्रकरण तहसील कार्यालय में आए थे उन सभी का निराकरण करने का प्रयास किया गया है। परंतु कुछ मामलों में भुगतान नहीं किया गया है क्योंकि शासन स्तर से आवंटन अभी आया नहीं है वह प्राप्त होते ही बचे प्रकरणों में भी भुगतान कर दिया जाएगा। वही ऐसी कोई ग्रामीण जिसका मकान क्षतिग्रस्त हुआ है और जांच नहीं की गई है तो तहसील कार्यालय में आवेदन दे सकता है।

शेख इमरान मंसूरी तहसीलदार
तहसील कार्यालय वारासिवनी

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