मुख्य आरोपी सुरेंद्र राजपूत के घर और दुकानों को जेसीबी से गिराया; दूसरे आरोपी विवेक तिवारी का घर भी जमींदोज

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मध्यप्रदेश के देवास जिले के नेमावर में आदिवासी परिवार हत्याकांड के आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। शुक्रवार मुख्य आरोपी सुरेंद्र राजपूत के मकान और दुकानों को जमींदोज कर दिया। पुलिस ने खड़े होकर जेसीबी से तुड़वा दिया। सुरेंद्र के साथी विवेक के घर को भी तोड़ दिया गया।

प्रशासन ने नेमावर बस स्टैंड के पास स्थित वार्ड क्रमांक 10 में मुख्य आरोपी सुरेंद्र पुत्र लक्ष्मण चौहान और उसके भाई वीरेंद्र चौहान के मकान और दुकानों पर जेसीबी लेकर पहुंचा। पुलिस अफसर और जवानों की मौजूदगी में मकान और दुकानों तोड़ दिया गया। वहीं वार्ड क्रमांक 14 खाईपार नेमावर में स्थित दूसरे आरोपी विवेक पुत्र बबलू तिवारी के पुश्तैनी मकान को भी गिरा दिया। बताया जाता है कि यह मकान विवेक के दादा कमल किशोर तिवारी के नाम पर था कार्रवाई के दौरान कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, एसपी शिव दयाल सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस का अमला मौजूद था।

सुरेंद्र की दुकानों को तोड़ती जेसीबी।

3 आरोपी कल तक पुलिस रिमांड पर हैं

गुरुवार को ही पुलिस ने सभी आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने सुरेंद्र सिंह राजपूत, राकेश निमोरे और करण कोरकू को 3 जुलाई तक के लिए पुलिस रिमांड दिया है। वहीं, वीरेंद्र राजपूत, विवेक तिवारी, राजकुमार, मनोज कोरकू को जेल भेज दिया।

बता दें कि 13 मई को नेमवार में आदिवासी परिवार के 5 सदस्यों को सुरेंद्र राजपूत ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से हत्या करके अपने खेत में दफना दिया था। डेढ़ महीने बाद पांचों के शव पुलिस ने 10-12 फीट की खुदाई करके बाहर निकाला था। हत्याकांड की मुख्य वजह आदिवासी परिवार की बेटी रूपाली को सुरेंद्र के शादी में रोड़ा बनना था। दोनों में अफेयर था और रूपाली शादी के लिए दबाव डाल रही थी, जबकि सुरेंद्र की कहीं और शादी तय हो गई थी।

इनकी हत्या की गई थी
पुलिस ने हुकुमसिंह के खेत से ममताबाई कास्ते (45), रूपाली कास्ते (21), दिव्या कास्ते (14), पूजा (15) और पवन (14) के शव बरामद किए हैं। आरोपियों ने 13 मई को ही इन पांचों की हत्या करके दफना दिया था। 29 जून को पुलिस ने खेत में खुदाई कराकर पांचाें शव बरामद किया था।

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