लंदन: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को लंदन दौरे के दौरान भारी गुस्से का सामना करना पड़ा है। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ जमकर नारे लगाए। मोहम्मद यूनुस के होटल के बाहर सैकड़ों ब्रिटिश बांग्लादेशी जमा हुए थे और उन्हें यूके से जाने के लिए कह रहे थे। अवामी लीग की यूके शाखा और अन्य संबंधित संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के प्रशासन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन, लोगों की हत्या करने और बांग्लादेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। मोहम्मद यूनुस जब लंदन पहुंचे तो लोगों ने तख्तियां पकड़ी हुई थीं, जिन पर लिखा था कि यूनुस “भीड़तंत्र के निर्माता हैं, जिहादियों को रिहा करते हैं और देशभक्तों को जेल में डालते हैं।” लोग उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
मोहम्मद यूनुस की लोकप्रियता बांग्लादेश में काफी कम होती जा रही है। सिर्फ अवामी लीग ही नहीं, बेगम खालिदा जिया दी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानि बीएनपी भी उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। उनके ऊपर सत्ता से चिपकने के आरोप लग रहे हैं। इसके अलावा अंतरिम सरकार और बांग्लादेश की सेना के बीच तनाव बढ़ गया है, कई लोग यूनुस पर आरोप लगा रहे हैं कि पिछले साल शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद उन्होंने देश को बेहतर बनाने के लिए कोशिशें नहीं की हैं।
मोहम्मद यूनुस के खिलाफ बांग्लादेश में गुस्सा
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने महत्वपूर्ण फैसला लेने की प्रक्रियाओं से सेना को बाहर रखने के लिए अंतरिम सरकार की आलोचना की है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार कई ऐसे फैसले ले रही है, जिसमें सेना से बिल्कुल परामर्श नहीं किया जा रहा है। इसको लेकर बांग्लादेश की सेना में भारी गुस्सा है। इसके अलावा बांग्लादेश की सेना ने देश में तत्काल चुनाव कराने की जरूरतों पर जोर दिया है और प्रभावशाली बाहरी अभिनेताओं के साथ जुड़ने और सार्वजनिक जनादेश के बिना महत्वपूर्ण फैसला लेने में एक अनिर्वाचित अंतरिम सरकार की वैधता पर सवाल उठाया है। आरोप लग रहे हैं कि मोहम्मद यूनुस ऐसे फैसले ले रहे हैं जो चुनी सरकार को ही लेने चाहिए। बिना चुनी हुई सरकार भला कैसे देश की विदेश नीति पर अहम फैसले ले सकती है?