युवाओं के लिए इंक्यूबेशन सेंटर का काम करेंगे लाइट हाउस प्रोजेक्ट

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में इंदौर समेत छह शहरों का जिक्र करते हुए कहा कि इन शहरों के लाइट हाउस प्रोजेक्ट इंक्यूबेशन सेंटर का काम करेंगे। इन प्रोजेक्ट में कम लागत के मकान बनाए जा रहे हैं। वहां प्लानरों, युवाओं, इंजीनियरों और आर्किटेक्टों को नई तकनीक जानने और नए-नए प्रयोग कर उसे बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में (3 जुलाई) उन्होंने छह शहरों के लाइट हाउस प्रोजेक्ट में किए जा रहे काम ड्रोन से देखकर समीक्षा की और कार्य की प्रगति को लाइव देखा।

सबसे पहले लिया इंदौर का नाम

मन की बात में लाइट हाउस प्रोजेक्ट वाले शहरों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने सबसे पहले इंदौर के प्रोजेक्ट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर में परंपरागत ईंट और दीवार के बजाय प्री फैब्रिकेटेड सेंडविच पेनल सिस्टम का उपयोग कर मकान बनाए जा रहे हैं। इंदौर के अलावा उन्होंने चेन्नई, राजकोट, रांची, लखनऊ और अगरतला में अलग-अलग तकनीक से बनाए जा रहे फ्लैटों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री बोले कि इन प्रोजेक्ट में आधुनिक और इनोवेटिव तकनीक का उपयोग हो रहा है, जिसमें समय कम लगता है। इससे जो घर बनते हैं, वे ज्यादा टिकाऊ, किफायती और आरामदायक होते हैं।

कनाड़िया में बनना हैं 1024 फ्लैट

इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र में जापानी तकनीक से आठ ब्लाक में 1024 फ्लैट 128 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे हैं। इस तकनीक में निर्माण के लिए जरूरी बीम, कालम और स्लैब आदि फैक्टरी से ही तैयार कर मौके पर लाए जाते हैं और उन्हें फिट कर फ्लैट बनाए जाते हैं। खास बात यह है कि पीएम मोदी ने खुद इन प्रोजेक्टों की आधारशिला जनवरी-2021 में रखी थी और फ्लैट एक साल में बनकर तैयार होने हैं। हालांकि, कोरोना लाकडाउन और फैक्टरियों में आक्सीजन की कमी के कारण इंदौर में कार्य अपेक्षाकृत गति नहीं पकड़ पाया और अभी फाउंडेशन वर्क ही पूरा नहीं हुआ है।

अब तक नहीं हुई विशेष प्रगति

नगर निगम में प्रोजेक्ट के प्रभारी अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा ने बताया कि अब तक इंदौर में प्रोजेक्ट को लेकर कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। नागपुर की मटेरियल से अब तक बीम, कालम और दीवार के रूप में उपयोग होने वाले फैब्रिकेटेड पेनल जैसे मटेरियल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। कंपनी ने कहा है कि 27 जुलाई से वह मटेरियल भेजना शुरू करेगी। उसके बाद फ्लैट निर्माण गति पकड़ेगा। ठेकेदार ने भरोसा दिया है कि वह तय समय सीमा में फ्लैट बनाएगा।

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