मध्यप्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के द्वारा ३ जुलाई को २०२४-२५ सत्र का राज्य का मुख्य बजट विधानसभा में पेश किया गया। यह बजट लगभग ३.६५ लाख करोड़ का वार्षिक बजट है जिससे सभी वर्गोंको साधने का प्रयास डॉ. मोहन यादव की सरकार के द्वारा किया गया है परन्तु इस बजट में सरकार के द्वारा अपनी प्रमुख घोषणाएं जिसमें किसानों को धान का समर्थन मूल्य ३१०० रूपये, गेंहू २७०० रूपये प्रति क्विंटल खरीदने, लाड़ली बहनों को ३००० रूपये प्रतिमाह देने व ४५० रूपये में गैस सिलेण्डर देने की इन घोषणाओं को बजट में कोई स्थान नही दिया गया है। मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन सरकार के द्वारा जो बजट पेश किया गया है उसमें स्वास्थ्य विभाग में ४६ हजार, पुलिस विभाग में ७५०० पदों पर भर्र्ती, शिक्षा के क्षेत्र में २२ हजार ६०० करोड़ रूपये, स्वास्थ्य के क्षेत्र में २१ हजार १४४ करोड़ रूपये, खेल के क्षेत्र में ५८६ करोड़ रूपये का बजट एवं प्रत्येक जिले में एक पीएमश्री एक्सीलेंस कॉलेज, प्रदेश में २६८ सरकारी आईटीआई खोलने सहित अन्य सौगात प्रदेश की जनता को दी गई है। वहीं इस बजट से लोगोंं को अपेक्षा थी कि डॉ. मोहन यादव सरकार कुछ बड़ा ऐलान करेगी परन्तु इस बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसान व युवाओं के लिए किसी तरह का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जिससे किसानों को राहत मिल सके। महंगाई पर अंकुश लगाया जा सके एवं युवाओं के लिए रोजगारन्मुखी योजना नहीं लाई गई है जिससे किसानों व युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है और यह बजट को निराशाजनक बताया जा रहा है। वहीं सत्तापक्ष के लोग बजट को अच्छा बताकर सराहना कर रहे है तो विपक्षी ने निराशाजनक बजट बताया है।
सरकार बजट में महंगाई पर नही लगा पाई अंकुश
म.प्र. सरकार के बजट से आमजनों को उम्मीद थी कि महंगाई, युवाओं को रोजगार, किसान हितैषी बजट होगा परन्तु सरकार के द्वारा ३ जुलाई को जो बजट पेश किया गया है जिसमें युवाओं, महिलाओं व किसानों को निराशा हाथ लगी है जिससे गरीब, मध्यम वर्ग में सरकार के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए सरकार के द्वारा कोई सार्थक प्रयास नही किये गये है बल्कि उद्योगपति व पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का काम किया है इसलिए लोग अपने-अपने तरीके से सरकार के इस बजट की निंदा कर रहे है। वहीं किसान नेताओं व किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की आय दुगुनी करने की बात कहती है परन्तु धान का समर्थन मूल्य ३१०० रूपये अब तक नही किये गये है, खाद के दाम व महंगाई पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। साथ ही इस बजट में किसानों, मजदूरों व युवा वर्ग के भविष्य को देखते हुए कोई सार्थक निर्णय नही लिया गया है जिससे ऐसा लगता है कि सरकार किसान विरोधी सरकार है।