नई दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवादों पर दिए गए बयान पर आध्यात्मिक संत शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आपत्ति जताई है। स्वामी ने बुधवार को कहा कि मोहन भागवत हिंदुओं की पीड़ा नहीं समझते। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
भागवत के बयान को बताया राजनीति से प्रेरित
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर शंकराचार्य ने उन पर राजनीति से प्रेरित बयान देने का आरोप लगाया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ‘भागवत ने दावा किया है कि कुछ लोग नेता बनने के लिए मंदिर-मस्जिद के मुद्दे उठाते हैं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आम हिंदू नेता बनने की आकांक्षा नहीं रखते। भागवत आम हिंदुओं की दुर्दशा को सही मायने में नहीं समझते।’
‘भागवत हिंदू का दर्द नहीं समझते’
उन्होंने कहा, ‘जब भागवत और उनके सहयोगी सत्ता में नहीं थे, तो वे राम मंदिर बनाने के लिए उत्सुक थे। अब जब वे सत्ता में हैं, तो ऐसे बयान अनावश्यक हैं।’ शंकराचार्य ने कहा, ‘मोहन भागवत आम हिंदू का दर्द नहीं समझते।’