बालाघाट(पदमेश न्यूज)
आज से करीब 1 वर्ष पूर्व, 2 सितंबर 2023 को
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षक संघ की भोपाल में महापंचायत बुलाई थी। जहां सत्ता हाथ से खिसकती देख अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की गई थी। तो वही मानदेय में आगे भी वृद्धि करने, अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए पॉलिसी बनाकर उसे लागू करने सहित तरह-तरह के वादे अतिथि शिक्षकों से किए गए थे।वही विधानसभा चुनाव के बाद पुनः सरकार बनते ही उन सभी वादों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो गए हैं लेकिन सरकार अतिथि शिक्षकों पर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि विधानसभा और लोकसभा (केंद्र व राज्य) दोनों में बीजेपी की सरकार बन चुकी है बावजूद इसके भी पूर्व में अतिथि शिक्षकों से किए गए वादों और सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन को पूरा नहीं किया जा रहा है। ऐसा आरोप लगाते हुए आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी जताई है तो वही उन्होंने अब सरकार के खिलाफ आंदोलन किए जाने की रणनीति बनाई है। जिन्होंने शिक्षक दिवस का बहिष्कार कर शिक्षक दिवस के दिन भोपाल पहुंचकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।
बैठक का आयोजन कर शिक्षक दिवस बहिष्कार की बनाई रणनीति
वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगे पूरी न होने से बालाघाट जिला सहित सम्पूर्ण मप्र के अतिथि शिक्षक प्रदेश सरकार से खासा नाराज है जिन्होंने सरकार के इस उदासीन रवैये पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की रणनीति बनाई है। जहां वर्षों से लंबित मांगे पूरी न होने और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 1 वर्ष पूर्व की गई घोषणा को अब तक अमल में न लाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले सोमवार को नगर के बूढ़ी मार्ग स्थित भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में अतिथि शिक्षकों की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। आयोजित इस बैठक में बारी-बारी से अतिथि शिक्षकों ने अपनी आर्थिक समस्याएं रखी तो वहीं उन्होंने वर्षों से लंबीत मांगे पूरी न होने पर अपनी नाराजगी जताई। इस दौरान बैठक में उपस्थित समस्त अतिथियों ने मांगे पूरी न होने पर एक स्वर में 5 सितंबर शिक्षक दिवस का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने और 5 सितंबर को ही भोपाल पहुंचकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया है।
नगर में निकाली रैली, की जमकर नारेबाजी, सौपा ज्ञापन
अतिथि शिक्षकों द्वारा शिक्षक दिवस का बहिष्कार कर भोपाल पहुंचकर आंदोलन करने की रणनीति बनाने के बाद अपने इस निर्णय को लेकर उन्होंने नगर में एक रैली निकाली।यह रैली भारतीय मजदूर संघ कार्यालय से बस स्टैंड ,रानी अवंती बाई चौक काली पुतली चौक होते हुए सीधे आंबेडकर चौक पहुंचीम वहां से यहां रैली एलआईसी के सामने से डॉ. विश्वसरैया चौक होते हुए सीधे कलेक्टर कार्यालय पहुंची. जहां वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न स्थिति मांगो और शिवराज सरकार द्वारा महापंचायत बुलाकर 1 वर्ष पूर्व की गई घोषणाओं को लेकर अतिथि शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए एक ज्ञापन सौपा है।जिसमें अतिथि शिक्षक संघ द्वारा इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को दो दिनों का अल्टीमेट दिया गया है जिसमें उन्होंने दो दिनों के भीतर मांग पूरी न होने पर 5 सितंबर को अतिथि शिक्षक दिवस का सामूहिक बहिष्कार कर भोपाल में सरकार के खिलाफ आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।
इन मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन
स्थाई नीति बनाकर अधिकतम कार्य अनुभव के आधार पर या विभागीय परीक्षा का आयोजन कर अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने, अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने,अतिथि शिक्षकों को काम से बंद न करने, शिक्षक भर्ती में 50% अतिथि शिक्षकों को आरक्षण दिए जाने,अतिथि शिक्षक को को प्रतिवर्ष चार अंक और अधिकतम 20 अंक बोनस के रूप में देने,और प्रमुख रूप से 2 सितंबर 2023को अतिथि शिक्षकों की महापंचायत में किए गए वादों और दिए गए आश्वासन को पूरा कर अतिथि शिक्षकों को राहत पहुंचा जाने की मांग अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले की गई है।