श्री शिव साईं मंदिर का वार्षिक उत्सव प्रारंभ,

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
श्री शिव साईं मंदिर में श्री साईं बाबा की प्रतिमा स्थापना के 18 वर्ष पूर्ण हुए हैं। स्थापना दिवस के अवसर पर श्री शिव साईं मंदिर में तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन 12 से 14 दिसम्बर तक किया गया है। जिसकी शुरुवात आज गुरुवार 12 दिसंबर को नगर में की गई। जहां वार्षिक उत्सव के पहले दिन गुरुवार की शाम श्री शिव साईं मंदिर से 108 कलश यात्रा और साईं पालकी शोभायात्रा निकाली गई। जहां धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ 108 कलश यात्रा व श्री साईं बाबा की पालकी शोभा यात्रा में भक्तगण झूमते गाते हुए नजर आए आए। इस शोभायात्रा ने 108 कलश, झांकी, लाईटिंग, रथ, बैंड, घोडे आदि के साथ शहर का भ्रमण किया।शोभायात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर महावीर चौक, मेन रोड होकर राजघाट चौक, काली पुतली चौक, आंबेडकर चौक से गोंदिया रोड होते हुए हनुमान मंदिर से मेन रोड होते हुए सुभाष चौक, महावीर चौक होते हुये वापस श्री शिव साईं मंदिर पहुंच संपन्न हुई। जहां ध्वजा रोहण कर महा आरती, प्रसाद वितरण सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए गए ।

आज और कल भी विभिन्न कार्यक्रमों के होंगे आयोजन
इसी तरह श्री शिव साईं मंदिर के वार्षिक उत्सव के दौरान 13 दिसंबर शुक्रवार को प्रात: 5 बजे श्री साईं बाबा की काकड़ आरती, 07 बजे मंदिर में उपस्थित सभी साईं भक्तों से अभिषेक, 8 बजे से कुशा के 16 खंबों के बने विशेष पूजन मंडप में शिर्डी के विद्वान पुरोहित पूर्ण वैदिक विधि विधान से पूजन करेंगे, शाम 6 बजे हवन व आरती उपरांत प्रथम दिवस की पूजन का समापन होगा।इसी तरह14 दिसंबर को प्रात: 6 बजे श्री साईं बाबा का अभिषेक, दोपहर 12 बजे पूर्ण आहूति, 56 भोग का प्रसाद , व आरती के बाद महा भंडारा प्रारंभ होगा, जो देर रात्रि तक अनवरत चालू रहेगा। इस अवसर पर श्री शिव सांई मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सभी साईं भक्तों से उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का आव्हान किया है।

2006 से चली आ रही परम्परा- प. शिवकुमार
आयोजन को लेकर की गई चर्चा के दौरान श्री शिव साईं मंदिर पुजारी प.शिवकुमार त्रिवारी ने बताया कि आज से करीब 18 वर्ष पूर्व, 2006 में यहां श्री शिव साईं की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।उसी के तहत 3 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।वही परम्परा आज भी निभाई जा रही है।जहा प्रतिवर्ष 12, 13, और 14 दिसंबर को श्री शिव साईं का वार्षिक उत्सव मनाया जाता है।जहा प्रतिवर्ष कलश यात्रा, पालकी यात्रा, हवन, पूजन, तप, यज्ञ, 56 भोग , महा आरती, दूध व जल से बाबा का अभिषेक व विशाल भंडारा सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान कराए जाते है।जिसका समापन 14 अप्रैल को विशाल भंडारे के साथ किया जाएगा।

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