सिक्के से ट्रेन रोककर करते थे लूटपाट, हरियाणा की गैंग आई गिरफ्त में

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इंदौर जीआरपी पुलिस ने ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो ट्रेनों में लूटपाट-चोरी करता था। गिरोह के सदस्य आउटर पर लगे इलेक्ट्रॉनिक टूल में सिक्का फंसा कर सिग्नल रेड कर देते थे। जैसे ही ट्रेन रुकती दो डिब्बे के नीचे घुस कर डिब्बों को जोड़ने वाली स्थान से प्रवेश कर जाते थे। बदमाशों से लाखों रुपये कीमत का सोना और नकदी मिली है। पुलिस ने आरोपितों को गुजरात पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। एसपी(जीआरपी) किरण केरकेट्टा के मुताबिक 26 जून को भिंड-रतलाम ट्रेन में मक्सी में लूट की वारदात हुई थी। नकाबपोश बदमाशों ने ट्रेन में घुसकर यात्रियों को पीटा और जेवर व नकदी लेकर भाग गए। जानकारी जुटाने पर पता लगा कि इसी प्रकार से महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान में भी घटनाए हुई हैं। तत्काल सभी तीनों राज्यों की पुलिस सक्रिय हुई और मंगलवार रात आरोपित राहुल पुत्र चाइना वाल्मिकी निवासी तिलकनगर टोहना(हरियाणा), सन्नी पुत्र पूरण वाल्मिकी निवासी राजनगर टोहना, छोटा उर्फ सुखबीर पुत्र महेंद्रसिंह निवासी राजनगर और दीपक पुत्र महेंद्र निवासी पंजाबी कालोनी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से 300 ग्राम सोना, 500 ग्राम चांदी जब्त की गई है।

सिक्के से रोकी ट्रेन, नीचे से घुसे बदमाश

एएसपी(जीआरपी) राकेश खाखा के मुताबिक आरोपितों ने तकनीकी का फायदा उठाया। आउटर के आसपास पटरियों पर एक इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स लगा होता है। आरोपित उसमें सिक्का फंसाकर सिग्नल रेड कर देते थे। सिग्लन रेड होते ही ट्रेन को रुकना पड़ता था। एक आरोपित डिब्बे के नीचे घुसता और जिस जगह दो डिब्बों को जोड़ने के लिए लोहे का पतरा लगा होता वहां से डिब्बे में अंदर चले जाता था। आरोपित महिलाओं, बच्चों को हथियारों दिखाकर धमकाते और उनका सारा सामान लूट कर फरार हो जाते थे। इस तरह अभी तक छह घटनाएं कर चुके है।

फास्ट टैग से अपराधियों तक पहुंची पुलिस

एएसपी के मुताबिक आरोपितों को पकड़ने के लिए तकनीकी का सहारा लेना पड़ा। मक्सी में हुई घटना के बाद सभी टोलनाकों, स्टेशन आदी जगहों पर संदेहियों को देखना शुरू किया। मक्सी टोलनाका पर एक कार सुबह 4 बजे (एचआर 70ए 2288) जाते हुए दिखी। पीछा करने पर टीम ने देखा यह कार घटना के पहले रात करीब 9.45 बजे देवास में थी। कार पर फास्ट टैग लगा हुआ था। माय फास्ट टैग एप पर जब जानकारी निकाली तो कार मालिक का नाम, बैंक लिकं और मोबाइल नंबर मिल गया। जब संदेही की लोकेशन निकाली तो उन जगहों पर मिल गई जहां लूट की घटनाएं हुई थी। तत्काल टीम गठित की और टोहना में दबिश देकर आरोपितों को पकड़ लिया।

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