Can AI Replace Doctors: यूपी में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने डॉक्टर्स को भी चौंका दिया। बुलंदशहर जिले की एक प्रेग्नेंट महिला के गर्भ में बच्चा नहीं है, बल्कि लीवर में है। मेडिकल साइंस से जुड़े बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भी ये केस जानकर हैरान हैं। दावा है कि अब तक दुनिया में ऐसे 8 मामले ही सामने आए हैं। इसके बाद से ही एक बार फिर से यह बहस होने लगी है कि क्या AI डॉक्टर्स को रिप्लेस कर ऐसे केसेज से डील कर सकता है, क्योंकि AI तो ‘Typical Data’ पर काम करता है, जो उसमें स्टोर किया गया है। ऐसे में अबनॉर्मल मामलों में AI कैसे रिएक्ट करेगा, यह एक सवाल बना हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, हुआ यूं कि 30 वर्षीय महिला को लंबे समय से पेट में दर्द था और उल्टी हो रही थी। जब उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया तो उन्होंने MRI की जांच करवाई। इसमें सामने आया कि महिला को 12 हफ्ते का भ्रूण है, जो लीवर की दाहिनी ओर पल रहा है। ये भ्रूण जीवित था, जिसकी धड़कन काम कर रही थी. यह एक असामान्य मामला है, ऐसे में एक डॉक्टर ने AI की क्षमता पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या डेटा के आधार पर चलने वाला AI ऐसे मामलों से डील कर सकता है?
डॉक्टर ने AI की क्षमता पर उठाए सवाल
लिंक्डइन की एक पोस्ट में इस केस का जिक्र करते हुए डॉ शिवानी गुप्ता ने AI की क्षमता पर कुछ सवाल किए। उन्होंने पूछा कि क्या एक सामान्य डेटा पर ट्रेन किया गया AI ऐसे असामान्य मामलों को डिटेक्ट कर सकता है? दूसर सवाल पूछा कि क्या AI दुर्लभ या जानलेवा मामलों की पहचान करने में मदद कर सकता है, इससे पहले कि समस्या और बढ़ जाए? इसके आगे डॉ शिवानी ने कहा कि AI को डेटा ही ड्राइव करता है। लेकिन क्लिनिकल जजमेंट, पैटर्न को पहचानना और उत्सुकता अब भी AI से आगे है.
IMA चीफ कह चुके- डॉक्टर्स रिप्लेसेबल नहीं हैं
Indian Medical Association (IMA) के चीफ डॉक्टर R.V. Asokan ने बीते साल ही कहा था कि AI डॉक्टर्स की जगह नहीं ले सकता है। उनका मानना है कि AI, टेलीमेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी जैसी तकनीक मेडिकल के सेक्टर को बेहतर बनाने में मददगार हैं। लेकिन मरीजों की देखभाल में मानवीय पहलू की जरूरत होती है, डॉक्टर और मरीज का एक रिश्ता होता है, जो रिप्लेसेबल नहीं है।