शहर के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल हमीदिया परिसर में बने नए भवन में सुल्तानिया महिला अस्पताल को शिफ्ट कर दिया जाएगा। अस्पताल को चालू महीने में शिफ्ट कर दिया जाएगा। नए भवन में चार ओटी भी बनकर तैयार हो गए हैं। अब इन्हें संक्रमण मुक्त करने का काम चल रहा है। इसके बाद कल्चर टेस्ट कर यह पता किया जाएगा कि बैक्टीरिया, फंगस की मौजूदगी तो नहीं है। सब कुछ सामान्य होने पर सुल्तानिया अस्पताल को हमीदिया अस्पताल के नए भवन के ब्लाक-2 में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बता दें कि सुल्तानिया अस्पताल को यहां शिफ्ट करने की पिछले साल अप्रैल से तैयारी चल रही है, लेकिन इस दौरान कोरोना की दूसरी लहर आने की वजह से ब्लाक-2 को कोविड अस्पताल बना दिया गया। इस वजह से अस्पताल को शिफ्ट करने में देरी हुई। इसके आपरेशन थियेटर तैयार करने में समय लगा। प्रसूति कक्ष भी तैयार नहीं था। अब तैयारी पूरी हो गई है।सुल्तानिया अस्पताल में अभी 285 बिस्तर हैं। मरीजों की संख्या इससे जयादा रहती है। इस कारण एक बिस्तर पर दो मरीजों को भर्ती किया जाता है। शिफ्टिंग के बाद यहां पर 300 बिस्तर हो जाएंगे। जरूरत पर और बिस्तर बढ़ाए जा सकेंगे। सुल्तानिया अस्पताल में अभी दो आपरेशन थियेटर हैं। नए भवन में शिफ्ट होने के बाद दो और बढ़ जाएंगे। इसके अलावा दो छोटे आपरेशन थियेटर भी छोटी सर्जरी के लिए हैं। एक माड्युलर आपरेशन थियेटर भी है। इसका फायदा यह होगा बड़ी सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा मरीज को नहीं रहेगा।सोनोग्राफी, सीटी स्कैन और अन्य जांचों के लिए मरीज या उनके स्वजन को अभी हमीदिया अस्पताल आना पड़ता है। अब यह दिक्कत दूर हो जाएगी। सुल्तानिया अस्पताल में पैदा होने वाले बीमार नवजातों को कई बार फौरन हमीदिया अस्पताल के ब्लाक-2 में बने एसएनसीयू में पहुंचाने की जरूरत होती है, लेकिन दोनों के बीच की दूरी दो किमी होने की वजह से एक घंटे लग जाते हैं, जबकि जरूरत रहती है कि बच्चे का फौरन इलाज शुरू हो सके। इस बारे में हमीदिय अस्पताल के अधीक्षक डा आशीष गोहिया का कहना है कि सुल्तानिया अस्पताल को शिफ्ट करने की ज्यादातर तैयारी हो चुकी है। लेबर रूम और ओटी भी तैयार हो गए हैं। इसी महीने अस्पताल की शिफ्टंग हो जाएगी।